संतान के लिए भगवान है आप |
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घर परिवार का सहारा
एक स्तम्भ जिसपे है गर्व सारा
अपने कर्तव्यओं से लदा हुआ
पिता जिसपे है बोझ सारा
क्या सोचा कभी उनके भी है अरमान
नहीं जीवन उनका संघर्ष का नाम
जो सबके बारे में सोचे
अपने सभी फ़र्ज़ निभाए
है उसकी अपनी भी ज़रूरते
क्यू परिवार कभी समझ न पाए
थोड़ी परवाह कुछ बात चीत
हंसी के पल और उनकी सीख
और क्या चाहिए मात पिता को
दो मान सम्मान और जीत लो दिल
बच्चे हो जिम्मेदार तो सहारा बनते
आगे बढ़के हाथ थाम लेते
ख़ुशी बाप की दुगनी हो जाती
जब कंधे तक बेटे की लम्बाई हो जाती
एक साथी जैसा रिश्ता बन जाता
दुःख सुख आपस में बँट जाता
सलाह मश्वरा और रिश्ते नाते
घर में ही फैसले हो जाते
जितना हो सके समय दो इनको
साथ रहो और खुश रखो इनको
है किस्मत जो सिर पे हाथ
नित्य नियम लो आशीर्वाद
असली धन -दौलत माँ बाप
संतान के लिए भगवान है आप।।