शुभ नवरात्री Wishes |
माता रानी की कृपा आप सब पर सदैव रहे
नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाये
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ये मोहब्बत फिर दुबारा न हुई |
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ये मोहब्बत फिर दुबारा न हुई
जिसे चाहा उससे लकीरे न मिली
राह देखते थे जिनकी देर रात तलक
उन रातो की कभी सुबह नहीं हुई
इंतज़ार से नवाज़ा गया इश्क़ को अपने
क्या कहे फुर्सत जो थी हमें ताउम्र की
आज भी है याद मुझे तेरी कही हर बात
मैं हूँ वही पर एक उम्र निकल गयी
जीवन का सत्य - मौत पे कविता |
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हक़ीक़त यही है वो दिन भी आएगा
छोड़ पीछे सबकुछ जब जाना पड़ेगा
जो रिश्ते हमें जान से भी है प्यारे
उन्ही को अलविदा कहना पड़ेगा
छूटेगा सब कुछ ये घर और घराना
दोस्तो से अपना मिलना मिलाना
साया भी अपना साथ छोड़ जायेगा
हक़ीक़त यही है वो दिन भी आएगा
ज़िन्दगी भर की मेहनत काम न आएगी
सूझ बूझ सब बेमानी हो जाएगी
धन दौलत सब रखा रह जायेगा
हक़ीक़त यही है की वो दिन भी आएगा
धोखा लगेगा जो जीवन जिया है
हक़ीक़त को जब अपनाना पड़ेगा
सोने सी काया जिसको इतना सजाया
हक़ीक़त यही है उसे खोना पड़ेगा
आंखों में आंसू दर्द सीने में रहेगा
लब पे किसी अपने का नाम सजेगा
चंद सांसे और फिर राम नाम होगा
मिट्टी को अपनी ख़ाख़ होना पड़ेगा । ।
प्यार है तुझसे ही करना
लड़ना भी तेरे साथ है
अब सफर कैसा भी हो
मुझे चलना तेरे साथ है ।
Enjoy the Short clip on Love
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आरम्भ तुम्ही हो ,अंत तुम ही हो
इस जीवन का आधार तुम्ही हो
हे शिव मेरे महाकाल
जीवन का तो सत्य तुम्ही हो।
pls enjoy the short video on Shiv Ji
नैनो में करुणा विश्वास
मुख चंचल मन भाता एहसास
देख के तुझको होता आभास
दुःख दूर हुए भगवन आके तेरे पास।
Enjoy Short Clip On Janmashtmi
हाई और लो ब्लड प्रेशर के लक्ष्ण |
नमस्कार दोस्तो !
आज की कविता मैंने ब्लड प्रेशर (बीपी ) बीमारी पे लिखी है,
जैसा की हम सब जानते है कि ये एक खतरनाक बीमारी है और आजकल हम अक्सर सुनते है की
हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट या फिर दिल का दौरा पड़ने से अचानक किसी की जान चली जाती है।
मैंने बीपी बीमारी को कविता के रूप में पेश किया है जिसमे हाई और लो बीपी के लक्षण बताये है।
साथ ही अच्छे खान पान और अच्छी जीवनशैली पे ध्यान देने की गुज़ारिश की है।
दोस्तो, हमारा शरीर बहुमूल्य है और आखिरी समय तक यही हमारे साथ भी रहता है इसलिए हमें अपना खास ध्यान रखना चाहिए।।
बीपी ( Blood Pressure ) रक्तचाप
बीपी है एक खतनाक बीमारी
हृदय पे पड़ता है दबाव बड़ा भारी
इस कारण पड़ता है दिल का दौरा
देखना पड़ता है मौत का चेहरा
साइलेंट किलर भी इसको कहते
इलाज से पहले ही कई बार दम तोड़ देते ।
घबराहट, सिरदर्द
साँस लेने में परेशानी
छाती में दर्द , बेचैनी और
धड़कन अनियमित हो जानी ।
आंखों के आगे अँधेरा छाना
अधिक गर्मी और पसीना आना
ये तो है हाई ब्लड प्रेशर की निशानी
बिना देरी किये डॉक्टर से है जांच करानी।
उलटी , बेहोशी और चक्कर का आना
थकान लगना और जी मिचलाना
एकाग्रता में कमी का होना
हाथ, पैर का ठंडा होना
ये तो है लो ब्लड़ प्रेशर की निशानी
बिना विलम्भ किये है वैध को बतानी ।
समय रहते करो इसका उपाय
तनाव चिंता को दूर भगाय
अनियंत्रित खानपान और नीद की कमी
मोटापा ,तैलीय पदार्थों और नमक अधिक
तौबा कर लो इन सबसे ।
करलो दोस्ती फल ,सब्ज़ी और अनाज से
दूध दही और नट्स ले
ध्यान अपना आप स्वॅम रखे
और बीमारियों से मुक्त रहे ।
नियमित व्याम और प्राणायाम करे
दुःख और चिंता से दूर रहे
नित्य कसरत और सैर करे
शरीर को अपने सक्रिय रखे
धूम्रपान को ना कहे दे
और निरोगी काया का आनंद ले ।।
Pls Listen Video On Blood Pressure
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मिज़ाजे यार क्या कहिये
सुबह या शाम क्या कहिये
पहलु में तेरे बैठे है
किस्मतें यार क्या कहिये
तबीयतऐ हाल क्या कहिये
रंग है गुलाल क्या कहिये
चेहरे पे चाँद क्या कहिये
ये इश्क़ खुमारी क्या कहिये
इस मर्ज़ की दवा तो क्या कहिये
ज़िन्दगी सुकून से बीते तो क्या कहिये
हो दिल में आसरा तो क्या कहिये
रब दे ऐसी किस्मत तो क्या कहिये ।
एक ऐसी भी यारी हो ******************************************* |
चल कहीं और लगाए दिल
नहीं भाती अब कोई महफ़िल
चेहरो पे मुखोटे सबके है
जो है नहीं ये वो दिखते है
मतलब बातों के गहरे है
बस अपनी अपनी कहते है
यहाँ पूरी दुनियदारी है
बस अपनी दुक़ान चलानी है
चल ढूंढे कोई यार अपना
बातों में सच्चाई जिसकी हो
कभी चोट जिगर पे खाई हो
जो तेरा मेरा नहीं करे
ज़ख्मो पे जो मलहम रखे
मैं मान लू उसको यार अपना
एक ऐसी भी यारी हो
दिल जिसका आभारी हो
जिससे मिलके हो ख़ुशी दुगनी
किसी में तो ऐसी दिलदारी हो ।
सोचा है मैं तुझसे कहुँ |
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सोचा है मैं तुझसे कहुँ
आ के तेरे साये में रहु
आइना देखने की चाह न हो
खुद को तेरी आंखों में दिखू
सोचा है मैं तुझसे कहुँ
पूरे सोलह सिंगार करू
तेरे माथे से लेके तिलक
पिया में अपनी मांग भरु
सोचा है में तुझसे कहुँ
थोड़ी ज़िद थोड़ी नाराज़ रहु
और मनाने पे तेरे सजन
जारी अपनी खाइशें करू
सोचा है मैं तुझसे कहुँ
बिन तेरे मैं कैसे रहु
बुला लो चाहे पास मुझे
या पास मेरे आ जाओ तुम
तेरे प्यार को धोखे का नाम दे दिया |
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तेरे प्यार को धोखे का नाम दे दिया
जब कुछ न कर सके तुझे इलज़ाम दे दिया
वक़्त की साजिशों पे ज़ोर नहीं अपना
ज़िन्दगी को इसलिए एक चाल कह दिया
बिताया समय मैंने जो साये में तेरे
उस वक़्त को घनी धूप की छाँव कह दिया
क्या सज़ा देते अपनी किस्मत को हम
फैसलों को इसलिए मंज़ूर कर लिया
मेरा दिल मेरी जान ! |
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मेरा दिल और मेरी जान
लौटा दो मुझे
मेरे अरमान
वो झूठा सा गुस्सा
और सच्चा वाला प्यार
खट्टी मिट्ठी सी बातें
साथ में नखरे हज़ार
कुछ तेरे मेरे सपने
दिनभर लड़ते झगड़ते
न ख़तम होने वाली बातें
और अपनी मर्ज़ी की शर्ते
चाय - भुजिआ का साथ
उसपे चर्चे हज़ार
वो महकता लाल दुपट्टा
जिसमे सितारे हज़ार
मोटरसाइकिल पे मस्ती
और शीशे पे लगी बिंदी
पलंग का सिरहाना
खिलौनों का सजाना
पास में रखी तस्वीर
है दिल के बेहद करीब
है बस यही यार
उम्मीद करू इस बार
लेके आ जाओ इन सबको
फिर एकबार
इनकी भी कमी खली
तुम्हारे साथ साथ !!
तेरे होके भी तेरे न हुए |
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इतने कभी मजबूर न हुए
तेरे होके भी तेरे न हुए
क्या शिकायत करते गैरो से
अपनों से भी वाक़िफ़ न हुए
आइना फिर न देखा कभी
जबसे साथ छूटा अपना
क्या करते श्रृंगार सजन
जब बहने लगा नैनो से कजरा
बिन तेरे सावन भी पतझड़ लगे
कोयल की कूक कानो को चुभे
दिन बीते मानो बरस समान
रातें जैसे सदियाँ लगे
खबर अब सबको होने लगी
इच्छाएं पिंजरे में कैद होने लगी
था बसेरा जिन दरख्तों पे अपना
किस्मत उन्हें अब उजाड़ने लगी।
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एक तसुव्वर एक ख्याल एक इंतज़ार है
ज़िन्दगी और कुछ नहीं अधूरा ख्वाब है
एक जुस्तुजू एक एहसास एक इक्तफाक़ है
राहें है बेशुमार गर मंज़िल मुहाल है
रेत का किनारा |
ये किस्मत है जो खेल खेलती है
रेगिस्तान में भी पानी देखती है
जो मिल नहीं सकता मिलाती है उससे
बंजर भूमि में भी हरयाली देखती है।
हम तो कठपुतली है हाथों के इसकी
मन चाहा हमसे ये खेल खेलती है
जिन राहो को पीछे छोड़ आये है
वही से गुजरने को फिर कहती है ।
जो बने थे वजह हसने की कभी
दर्द का अब वो कारण बने है
छल से छाला है किस्मत ने जिन्हे
क्या अरमां कभी उनके पूरे हुए है ।
क्या कहे इन लकीरो में क्या लिखा है
जो साथ है अपना बाकि धोखा जिया है
बस है किस्मत का ये खेल सारा
कभी मिले मोती कभी रेत का किनारा ।
HINDI POETRY ON LOVE, EQUALITY, UNITY & FREEDOM
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इस धरा से दूर गगन से दूर चले
गर तुम साथ दो तो नए सफर पे चले
खाइशो से परे उमीदों से बेखबर
हो सुकून जहाँ ऐसी डगर पे चले
कोई शिकवा गिला किसी को न रहे
जहाँ सब हो एक समान ऐसे गुलिस्तां में चले
जहाँ दुख दर्द किसी को छू न सके
चल ऐसी कोई दुनिया बसाने चले
सब धर्मो पे विश्वास और एकता रहे
एक मत हो सबका कोई न बंधन रहे
एक ही मंज़िल एक रास्ता रहे
जहाँ प्रेम ही हो भाषा ऐसी आस्था रहे
इस धरा से दूर गगन से दूर चले
गर तुम साथ दो तो नए सफर पे चले।
Pls enjoy the short video on abv poetry
क्यों हमारी इतनी बातें हुई
तकलीफें ज़िन्दगी में कम न थी
जो तेरी यादें भी उनमे शामिल हुई !
हर मुसीबतो से लड़ता रहा हूँ
देर से ही सही पर जीतता रहा हूँ
क्या पता था शिकस्त प्रेम में होगी
जीत के भी हार जाऊ ऐसी किस्मत होगी !
उम्र भर तेरा दुःख मुझको को खलेगा
हर कदम पे तेरा साया दिखेगा
एक सवाल दिल हमेशा करेगा
क्यों मिले थे हम जब बिछड़ना हमें था !
बदलते रिश्ते |
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चाहते थे तेरे रंग में रंगे
अफ़सोस तेरे रंग फरेबी लगे
झूठी दुनिया के खाव्ब मुझे
असल जिंदगी के धोखे लगे
बातें है मोह्हबत की
पर लब पे तो शिकवे दिखे
साथ रहना है जिनके मुझे
रिश्ता क्या है कहते दिखे
गैरो की तो बात अलग है
रूप अपनों के बदलते दिखे
है वक़्त सही तो सब सही
औकात देख फैसले बदलते दिखे।
मुक्कमल इश्क़ |
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और क्या क्या करवाएगा
इश्क़ ये तेरा
बेज़्ज़ती, बदनामी और दिल तोडना मेरा
और कितना इंतज़ार करे
यार तेरा
साल , २ साल या उम्र भर तेरा।
किस किस से छुपेगा
हाले दिल अपना
जिक्र होगा जब सरेआम अपना
किस किस से कहोगे
इश्क़ सच्चा था अपना
आएगा सबके सामने जब मसला अपना।
बदनामी के सिवा और कुछ ना मिलेगा
ये इश्क़ है ...
जो अधूरा रह के भी मुक्कमल रहेगा।
अरमानो की डोर |
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फिर देखा एक सपना है
शायद कोई अपना है
बुला रहा है पास मुझे
एक नयी शुरुवात की आस लिए
आँखों में उमंगें जिसकी है
देख के मुझको पूरी होती है
है जिसके दिल में प्यार बहुतऐसी सूरत उसकी लगती है
कौन है जो चाह रहा
फिर मन उपवन खिला रहा
बेरंग फूलो में डाल के रंग
मेरी जीवन बगिया महका रहा।
मैं भी चलदी हूँ उसकी ओर
ले के अरमानो की डोर
कदम से कदम है मिला लिए
और फासले कम हो गए ।
दिल टूटने का अफ़सोस है तेरे
विश्वास टूटा तेरा खेद है मुझे
कोशिशे न काम आ सकी
तेरी साथ रहने की कभी ।
रहा जिन रिश्तों पे विश्वास तुझे
वो तो गैरों से भी बेदर्द है
निभा रहा है दोस्त तू
जो रिश्ते सभी नाम के है ।
अपनो से हारी है दुनिया
इसमें न कोई संदेह है
गिरना तय है उन घरो का
नींव जिनकी कमज़ोर है ।
सभी बंधनों से अलग
एक खास बंधन में बंधी हूँ
आज़ादी हूँ मैं
सिर्फ अपने विचारों से जुडी हूँ।
जात पात का भेद नहीं है
मेरा किसी से बैर नहीं है
है सभी रंगो पे अभिमान
हर मज़हब में आस्था रही है।
मान सम्मान अधिकार सभी के
मुझको तो बस खुद पे यकीं है
रोक टोक से दूर बहुत मैं
जो हो सबके हित में वही , सही है।
परखू मैं इस दुनिया को
अपने ख्याल और अनुभव लिए
हूँ अपने आप में मुकम्मल
अपनी एक पहचान लिए।
सीमाएं मेरी कोई नहीं
फैली हूँ खुशबू की तरह
पाने चाहे हर कोई मुझे
हाँ, आज़ादी है नाम मेरा।
परवाह |
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एक एहसान हुआ तेरा
ये दिल गुलाम हुआ तेरा
मैंने तो कुछ न कहा
फिर भी हाले दिल
जान लिया मेरा
दुश्मनो की भीड़ में
एक पहचान जो तुमसे हुई
जहाँ अपने भी साथ छोड़ गए
वह साथ दे दिया मेरा
न था यकीं खुद पे भी
परछाइयों से भी डर लगता था
ऐसे में एक उम्मीद जगा
नया रास्ता दिखा गया कोई
इतना ही साथ काफी है
उमीदे मेरी ज़ादा नहीं
इस जिंदगी को दोस्त मेरे
ज़ादा परवाह की आदत नहीं ।
आज नहीं तो कल बनेंगे मेरे बिगड़े काम भोलेनाथ पे विश्वास मुझे है वो सुनते मन की बात देर है पर अंधेर नहीं जाने सब संसार परम पिता परमेश्वर ...