Thursday, June 30, 2022

मिज़ाजे यार क्या कहिये | Hindi Poetry On Love

मिज़ाजे यार क्या कहिये











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मिज़ाजे यार क्या कहिये

सुबह या शाम क्या कहिये 

पहलु में तेरे बैठे है 

किस्मतें यार क्या कहिये


तबीयतऐ हाल क्या कहिये

रंग है गुलाल क्या कहिये

चेहरे पे चाँद क्या कहिये

ये इश्क़ खुमारी क्या कहिये 


इस मर्ज़ की दवा तो क्या कहिये 

ज़िन्दगी सुकून से बीते तो क्या कहिये

हो दिल में आसरा तो क्या कहिये

रब दे ऐसी किस्मत तो क्या कहिये ।  

Monday, June 27, 2022

Sad lines on Love | Love Quote | Sad poetry

sad lines








तेरे बदलने का अफ़सोस नहीं

दुःख है , के तेरे लिए

हमने खुद को बदल दिया। 

Saturday, June 25, 2022

परहेज़ | NO TO LOVE | MISSING LOVE QUOTE | SAD POETRY | HEARTBREAK

NO TO LOVE

 







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मर्ज़ ये दिल का लगे है

दवा न असर करे है

हो गई है शिकायत सबको

तेरे इश्क़ से परहेज़ कहे है। 


Enjoy Short Poetry On : No To Love 



Tuesday, June 21, 2022

एक ऐसी भी यारी हो | Hindi Poetry On love & Friendship | दोस्ती | Best friends | friendship day poem

 एक ऐसी भी यारी हो

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चल कहीं और लगाए दिल

नहीं भाती अब कोई महफ़िल

चेहरो पे मुखोटे सबके है

जो है नहीं ये वो दिखते है

मतलब बातों के गहरे है

बस अपनी अपनी कहते है

यहाँ पूरी दुनियदारी है

बस अपनी दुक़ान चलानी है

चल ढूंढे कोई यार अपना 

बातों में सच्चाई जिसकी हो

कभी चोट जिगर पे खाई हो

जो तेरा मेरा नहीं  करे

ज़ख्मो पे जो मलहम रखे 

मैं मान लू उसको यार अपना  

एक ऐसी भी यारी हो

दिल जिसका आभारी हो 

जिससे मिलके हो ख़ुशी दुगनी 

किसी में तो ऐसी दिलदारी हो ।  


Friday, June 17, 2022

झूठ | LIE | Short Poetry On Jhoot | Beautiful Quote on LIE | झूठा

TheMisVi.Com




















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सच है !

वो खूबसूरत है उसपे ऐतबार कैसे होगा 

इतनी सफाई से बोलेगा झूठ

के खुद को भी ऐतराज़ न होगा। 

Thursday, June 16, 2022

सोचा है मैं तुझसे कहुँ | Hindi Poetry on Love | Romantic Poetry | करवाचौथ | 14th Feb Valentine's Poem


सोचा है मैं तुझसे कहुँ






`



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 सोचा है मैं तुझसे कहुँ

आ के तेरे साये में रहु

आइना देखने की चाह न हो 

खुद को तेरी आंखों में दिखू


सोचा है मैं तुझसे कहुँ

पूरे सोलह सिंगार करू

तेरे माथे से लेके तिलक

पिया में अपनी मांग भरु 


सोचा है में तुझसे कहुँ 

थोड़ी ज़िद थोड़ी नाराज़ रहु

और मनाने पे तेरे सजन

जारी अपनी खाइशें करू


सोचा है मैं तुझसे कहुँ

बिन  तेरे मैं कैसे रहु

बुला लो चाहे पास मुझे 

या पास मेरे आ जाओ तुम 

Monday, May 30, 2022

वो दिलदार है | Hindi Poetry On Love | इत्मीनान | Short Poetry ON LOVE & FRIENDSHIP

वही दिलदार है












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हर इश्क़ की हो जीत तो क्या बात है 

मिले जिसको विसाल-ए-यार वो कामयाब है

जहाँ इंतज़ार हो ख़त्म वहीँ इत्मीनान है 

एक सच्चा साथी खुदा के समान है

पर जो मंज़िल तक साथ दे 

वही दिलदार है। 


ENJOY SHORT CLIP ON VO DILDAAR HAI 





Thursday, May 12, 2022

तेरे प्यार को धोखे का नाम दे दिया | Hindi Poetry On Love & Life

तेरे प्यार को धोखे का नाम दे दिया 









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तेरे प्यार को धोखे का नाम दे दिया

जब कुछ न कर सके तुझे इलज़ाम दे दिया


वक़्त की साजिशों पे ज़ोर नहीं अपना

ज़िन्दगी को इसलिए एक चाल कह दिया 


बिताया समय मैंने जो साये में तेरे 

उस  वक़्त को घनी धूप की छाँव कह दिया 


क्या सज़ा देते अपनी किस्मत को हम 

फैसलों को इसलिए मंज़ूर कर लिया 


Thursday, May 05, 2022

मेरा दिल मेरी जान ! HINDI POETRY ON LOVE, FRIENDSHIP , DESIRES & MEMORIES | MEMORABLE MOMENTS OF LOVE ...


मेरा दिल मेरी जान ! 








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मेरा दिल और  मेरी जान 

लौटा दो मुझे 

मेरे अरमान 

वो  झूठा  सा  गुस्सा 

और सच्चा वाला  प्यार 

खट्टी मिट्ठी सी बातें 

साथ में  नखरे हज़ार   


कुछ तेरे मेरे सपने  

दिनभर  लड़ते झगड़ते  

न ख़तम होने वाली बातें 

और अपनी मर्ज़ी की शर्ते  


चाय - भुजिआ का साथ

उसपे चर्चे हज़ार 

वो महकता लाल  दुपट्टा 

जिसमे सितारे हज़ार 

मोटरसाइकिल पे मस्ती

और शीशे पे लगी  बिंदी   


पलंग का सिरहाना 

खिलौनों का सजाना 

पास में रखी तस्वीर 

है दिल के बेहद करीब  


 है बस यही यार  

उम्मीद करू इस बार 

 लेके आ जाओ इन सबको

फिर एकबार 

इनकी भी कमी खली 

तुम्हारे साथ साथ  !!




Monday, May 02, 2022

तेरे होके भी तेरे न हुए |Sad Hindi Poetry On Love | Missing | Memories | Love Quotes

तेरे होके भी तेरे न हुए








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इतने कभी मजबूर न हुए

तेरे होके भी तेरे न हुए

क्या शिकायत करते गैरो से 

अपनों से भी वाक़िफ़ न हुए 


आइना फिर न देखा कभी 

जबसे साथ छूटा अपना 

क्या करते श्रृंगार सजन 

जब बहने लगा नैनो से कजरा 


बिन तेरे सावन भी पतझड़ लगे

कोयल की कूक कानो को चुभे 

दिन बीते मानो बरस समान

रातें जैसे सदियाँ लगे


खबर अब सबको होने लगी

इच्छाएं पिंजरे में कैद होने लगी 

था बसेरा जिन दरख्तों पे अपना

किस्मत उन्हें अब उजाड़ने लगी।  

Wednesday, April 27, 2022

माफ़ | Forgive | Gudmorning Quote | Hindi Quote On Forgiveness

 Forgive 

 








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नसीबा अब और किस्से न बना

हक़ीक़त में रहने दे सपने न दिखा 

जानता हूँ दगा मिला है अपनों से 

तू फिर माफ़ करदे और ये दूरियां मिटा




Wednesday, April 20, 2022

Short Poetry : मंज़िल / तसुव्वर / इक्तफाक़ : Best Life Quote In Hindi

इक्तफाक़ 






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एक तसुव्वर एक ख्याल एक इंतज़ार है

ज़िन्दगी और कुछ नहीं अधूरा ख्वाब है

एक जुस्तुजू एक एहसास एक इक्तफाक़ है  

राहें है बेशुमार गर मंज़िल मुहाल है 

    

Monday, April 18, 2022

रेत का किनारा | RET KA KINARA | HINDI POETRY ON LUCK - REASON & LIFE | किस्मत

रेत का किनारा 

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ये किस्मत है जो खेल खेलती है

रेगिस्तान में भी पानी देखती है

जो मिल नहीं सकता मिलाती है उससे 

बंजर भूमि में भी हरयाली देखती है।  


हम तो कठपुतली है हाथों के इसकी 

मन चाहा हमसे ये खेल खेलती है 

जिन राहो को पीछे छोड़ आये है 

वही से गुजरने को फिर कहती है 


जो बने थे वजह हसने की कभी

दर्द का अब वो कारण बने है 

छल से छाला है किस्मत ने जिन्हे 

क्या अरमां कभी उनके पूरे हुए है । 


क्या कहे इन लकीरो में क्या लिखा है 

जो साथ है अपना बाकि धोखा जिया है 

बस है किस्मत का ये खेल सारा 

कभी मिले मोती कभी रेत का किनारा । 

Saturday, April 09, 2022

इस धरा से दूर गगन से दूर चले | HINDI POETRY ON LOVE, EQUALITY, UNITY & FREEDOM | IS DHARA SE DOOR GAGAN SE DOOR CHALEIN

 

       HINDI POETRY ON LOVE, EQUALITY, UNITY & FREEDOM


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इस धरा से दूर गगन से दूर चले

गर तुम साथ दो तो नए सफर पे चले


खाइशो से परे उमीदों से बेखबर

हो सुकून जहाँ ऐसी डगर पे चले  


कोई शिकवा गिला किसी को न रहे

जहाँ सब हो एक समान ऐसे गुलिस्तां में चले 


जहाँ  दुख दर्द किसी को छू न सके

चल ऐसी कोई दुनिया बसाने चले 


सब धर्मो पे विश्वास और एकता रहे 

एक मत हो सबका कोई न बंधन रहे


एक ही मंज़िल एक रास्ता रहे

जहाँ प्रेम ही हो भाषा ऐसी आस्था रहे

 

इस धरा से दूर गगन से दूर चले

गर तुम साथ दो तो नए सफर पे चले। 


Pls enjoy the short video on abv poetry




Thursday, April 07, 2022

बिछड़ना हमें था | BICHADANA HAME THA | SAD POETRY ON LOVE

Short Poetry On बिछड़ना हमें था




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बिछड़ना हमें था











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सोचता हूँ  तुमसे  मुलाकात क्यों हुई 

क्यों हमारी इतनी बातें हुई 

तकलीफें ज़िन्दगी में कम न थी 

जो तेरी यादें भी उनमे शामिल हुई ! 


हर मुसीबतो से लड़ता रहा हूँ  

देर से ही सही पर जीतता रहा हूँ 

क्या पता था शिकस्त प्रेम में होगी

जीत के भी हार जाऊ ऐसी किस्मत होगी !


उम्र भर तेरा दुःख मुझको को खलेगा

हर कदम पे तेरा साया दिखेगा 

एक सवाल दिल हमेशा करेगा 

क्यों मिले थे हम जब बिछड़ना हमें था !

Thursday, March 31, 2022

बदलते रिश्ते | BADALTE RISHTE | HINDI POETRY ON CHANGING RELATIONS WITH TIME

 

बदलते रिश्ते 








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चाहते थे तेरे रंग में रंगे

अफ़सोस तेरे रंग फरेबी लगे 

झूठी दुनिया के खाव्ब मुझे 

असल जिंदगी  के धोखे लगे 

बातें है मोह्हबत की 

पर लब पे तो शिकवे दिखे 

साथ  रहना है जिनके मुझे 

रिश्ता क्या है कहते दिखे 

गैरो की तो बात अलग है 

रूप अपनों के बदलते दिखे 

है वक़्त सही तो सब सही

औकात देख फैसले बदलते दिखे। 

Wednesday, March 30, 2022

मुक्कमल इश्क़ | All Love | Defame In Love

मुक्कमल  इश्क़








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और क्या क्या करवाएगा 

इश्क़ ये तेरा

बेज़्ज़ती, बदनामी और दिल तोडना  मेरा


और कितना इंतज़ार करे 

यार तेरा 

साल , २ साल या उम्र भर तेरा। 


किस किस से छुपेगा 

हाले दिल अपना 

जिक्र होगा जब सरेआम अपना 


किस किस से कहोगे

इश्क़ सच्चा था अपना  

आएगा सबके सामने जब मसला अपना।  


बदनामी के सिवा और कुछ ना मिलेगा

ये इश्क़ है ...

जो अधूरा रह के भी मुक्कमल रहेगा। 

Tuesday, March 29, 2022

अरमानो की डोर | ARMANOO KI DOR | Poetry On New Relation, Trust & Love | Friendship & Commitment

अरमानो की डोर








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फिर देखा एक सपना  है

शायद कोई अपना है

बुला रहा है पास मुझे

एक नयी शुरुवात की आस लिए


आँखों में उमंगें जिसकी है

देख के मुझको पूरी होती है

है जिसके दिल में प्यार बहुत

ऐसी सूरत उसकी लगती है 


कौन है जो चाह रहा 

फिर मन उपवन खिला रहा

बेरंग फूलो में डाल के रंग

मेरी जीवन बगिया महका रहा। 


मैं  भी चलदी हूँ उसकी ओर

ले के अरमानो की डोर 

कदम से कदम  है  मिला लिए 

और फासले कम हो गए । 

Monday, March 28, 2022

ज़िन्दगी की पहचान | JINDAGI KI PEHCHAAN | INTRODUCTION OF LIFE

ज़िन्दगी








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ज़िन्दगी सफर में खुद से , 

रूबरू कराती रही मुझे 

है सफर ही ज़िन्दगी , 

बस बताती रही मुझे 

जो मिल गया मुझे 

 वो भी मेरा नहीं 

बस इसी बात का एहसास 

कराती रही मुझे !




Saturday, March 26, 2022

नींव - रिश्तों की | Neev - BASE OF FAMILY RELATIONS | DISLOYAL RELATIONS

नींव 






दिल टूटने का अफ़सोस है तेरे 

विश्वास टूटा तेरा खेद है मुझे 

कोशिशे न काम आ सकी

तेरी साथ रहने की कभी ।


रहा जिन रिश्तों पे विश्वास तुझे 

वो तो गैरों से भी बेदर्द है 

निभा रहा है दोस्त तू

जो रिश्ते सभी नाम के है 


अपनो से हारी है दुनिया

इसमें न कोई संदेह है

गिरना तय है  उन घरो का 

नींव जिनकी कमज़ोर है  

Thursday, March 24, 2022

आज़ादी | Freedom Of Thoughts & Equality | Motivational Poetry For Believe In Yourself | Be You

 

आज़ादी 












सभी बंधनों से अलग 

एक खास बंधन में बंधी हूँ

आज़ादी हूँ मैं

सिर्फ अपने विचारों से जुडी हूँ। 


जात पात का भेद नहीं है

मेरा किसी से बैर नहीं है

है सभी रंगो पे अभिमान 

हर मज़हब में आस्था रही है। 


मान सम्मान अधिकार सभी के

मुझको तो बस खुद पे यकीं है 

रोक टोक से दूर बहुत मैं 

जो हो सबके हित में वही , सही है। 


परखू मैं इस दुनिया को

अपने ख्याल और अनुभव लिए 

हूँ अपने आप में मुकम्मल 

अपनी एक  पहचान लिए। 


सीमाएं मेरी कोई नहीं

फैली हूँ खुशबू की तरह

पाने चाहे हर कोई मुझे

हाँ, आज़ादी है नाम मेरा। 

Thursday, March 17, 2022

Love Quote | Short Love Poetry | Regret In Love |अफ़सोस

अफ़सोस 

 






 

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दूर इतना भी न थे

के पुकारा न गया  

फासले तो चंद कदमो के थे ,

अफ़सोस तुमसे आया न गया।  

Short clip of above poetry





Tuesday, March 15, 2022

परवाह | CARE | HINDI POETRY ON WELL-WISHER | THANKFUL | GRATITUDE

परवाह 







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एक एहसान हुआ तेरा

ये दिल गुलाम हुआ तेरा

मैंने तो कुछ न कहा

फिर भी हाले दिल 

जान लिया मेरा


दुश्मनो की भीड़ में

एक पहचान जो तुमसे हुई

जहाँ  अपने भी साथ छोड़ गए

वह साथ दे दिया मेरा 


न था यकीं खुद  पे भी

परछाइयों से भी डर लगता था

ऐसे में एक उम्मीद जगा

नया रास्ता दिखा गया कोई 


इतना ही साथ काफी है 

उमीदे मेरी ज़ादा नहीं

इस जिंदगी को दोस्त मेरे

ज़ादा परवाह की आदत नहीं । 

Monday, March 14, 2022

खोखले रिश्ते | Hindi poetry on Divorce | Separation | Breaking Relations of love | Ego & Misunderstandings | Incompatible Relations

खोखले रिश्ते






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तेरा अधिकार ही बहुत था 

मुझको  रोकने के लिए

अफ़सोस तो है के ,

तुमने  कभी आवाज़ न दी । 


दो प्यार के बोल ही काफी थे

टूटे  रिश्तों को जोड़ने के लिए 

तकलीफ तो ये है के ,

तुमने कभी कोशिश न की। 


दूर इतना भी नहीं थे

के पुकारा न गया  !

फासले तो चंद कदमो के थे ,

पर तुमने कभी हिम्मत न की। 


खुद से ज़ादा विश्वास

था जिनपे हमें  !

ताजुब है समय ने 

धारणा बदल दी।  


मंजूर तो न था हमें 

किस्मत का फैसला 

दुःख तो ये है 

अपनों ने नज़रे ही फेर ली। 


हाँ ! 

एक शिकायत रही हमें खुद से 

खोखले रिश्तों की भी यादें 

हमसे भुलाई नहीं गयी।  


Saturday, March 12, 2022

दरमियाँ - Between Eyes | Hindi Poetry On Distance Relationship | Misunderstanding Between Relations | Immense Love | दिलासा | भ्रम

दरमियाँ -Between  Eyes

 







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है कौन एक तेरा सिवा 

उसपे भी तू दूर है !

क्या कह के दिल को समझाए 

जो तुझसे मिलने को मजबूर है !


रोज़ दिलासा देते है

मिलना होगा ज़रूर कहते है

पर सच तो दिल भी जानता है

मेरे झूठ को भी पहचानता है !


बस एक गुज़ारिश तुझसे है

मेरे भ्रम को भरम ही रहने दे

जो दूरी तेरे मेरे  दरमियाँ है बनी 

उन्हें आँखों के बीच ही रहने दे । 

Wednesday, March 09, 2022

Slogan Of World Tuberculosis Day 24th March | 24 मार्च - विश्व टीबी दिवस |

टीबी

 







पूरा करे टीबी का इलाज 

रखे खान पान  का ध्यान

डॉक्टर के संपर्क में रहे

और विश्व को टीबी मुक्त करे !


Tuberculosis







Tb Is Curable

Lets Come Together & Free The world From Tuberculosis (TB)


Tuesday, March 08, 2022

बीते कल में | Hindi Poem on Past Life | Yaadein | Memories Of Love | एहसास

 बीते कल में








ये कैसी समय की चाल है

जो था साथ कभी 

आज एक ख्याल है । 


बिताये जिसके साथ 

रात और दिन 

वो आज एक एहसास है । 


वो घंटो का इंतज़ार

वो  लड़ने वाला प्यार

बस एक फ़रियाद है  । 


मिलोगे कभी तो पूछेंगे तुमसे

क्या हमारी तरह तुम भी 

जीते हो बीते कल में ।। 

Monday, March 07, 2022

दीदार | DIDAAR | HINDI POETRY ON LOVE | MISSING | MEMORABLE MOMENTS OF LOVE

दीदार








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कभी तेरी गली से गुज़र गए

दीदार हुआ कभी तेरा

कभी तेरी आरज़ू में रह गए । 


ख्याल तेरा दिल में लिए

न जाने कितनी दूर निकल गए 

पीछे मुड़ के देखा तो 

कई अरसे गुज़र गए। 


देर रात तलक तेरे बारे में सोचना

सुबह उठकर फिर तेरी राह देखना 

भूले नहीं भोलेगा मुझे

दिन में भी तेरे सपने देखना। 


आज भी है याद मुझे

वो तेरा मुझको देखना

दीदार होते ही मेरा 

अपने बालों में हाथ फेरना


क्या जूनून क्या आशिक़ी थी

हमने भी कभी मोहब्बत की थी । 

रहते थे जिसके खयालो में गुम 

वही तो असली ज़िन्दगी थी।।  

Thursday, March 03, 2022

झूठ | Hindi Poetry On Immaturity | फितरत

फितरत







और कितना झूठ है सच में तेरे

फितरत तो तेरी जान ली यार हमने

क्या कहे तुझको ?

तू तो अपनी समझदारी में है !

खो दिया है सबकुछ 

फिर भी होशियारी में है !!


Wednesday, March 02, 2022

दिल से दिल तक | Hindi Poetry on Love | Friendship & Relationship | Conversation Of Love








हर बात तेरी 

तेरे और करीब ले आती है

जितना भूलना चाहूँ तुझे

तेरी उतनी याद आती है। 


जानता हूँ मुमकिन नहीं

तेरा मेरे साथ रहना

फिर भी न जाने क्यू मुझे !

किस्मत तुझसे मिलाती  है। 


दिल में एक विश्वास है

रिश्ता अपना ख़ास है। 

यूँ नहीं मेरी धड़कने 

तेरा नाम सुन बढ़ जाती है। 


हो कहीं भी दिल मेरा

ख्याल तेरा ही रहे

हाँ , ये बात मैंने मान ली

तेरे जैसा मिलना मुश्किल है । 


प्यार है तुझसे ही  करना

लड़ना भी तेरे साथ है

अब चाहे सफर कैसा भी हो

मुझे चलना  तेरे साथ है।। 

Thursday, February 24, 2022

कसम है मेरी | KASAM | HINDI POETRY ON LOVE | LIKING SOMEONE | IN LOVE | FEELINGS FOR LOVE

कसम है मेरी 









तेरी नज़र ऐसा असर कर गयी 

देखते ही दिल में घर कर गयी

सुध अपनी मुझे अब कुछ न रही

जबसे ख्यालो में मेरे तू बस गयी । 


उमीदे तुझसे अब जुड़ने लगी

फिर से जीने की मन में उमंगें बढ़ी

जो कही न किसी से वो बातें कहीं

जबसे जीने की तेरे संग कस्मे हुई। 


अब तो दिन में सपने सजोने लगे

जबसे नाम  तेरा हम जपने लगे 

क्यू न कोई मुझे अब तुझसा लगे

तेरा चेहरा न जाने क्या जादू करे। 


रात और दिन आंखों में कटने लगे

क्यू तुझसे मिलने की बेचैनी रहे 

यार ! अब और दूरी न सही जा रही

पास आजा के तुझको कसम है मेरी !!

Wednesday, February 23, 2022

नज़र | NAZAR | HINDI POEM ON LOVE AT FIRST SIGHT


नज़र 






तेरी नज़र ऐसा असर कर गयी 

देखते ही दिल में घर कर गयी

सुध अपनी मुझे अब कुछ न रही

जबसे ख्यालो में मेरे तू बस गयी । 



Saturday, February 19, 2022

निशब्द प्रेम : Silent Love | Hindi Poetry On Distance Relationship | Finding Ways In Love

निशब्द प्रेम








       

बहुत दिनों से  पूछा नहीं हाल 

क्या तू भी बेपरवाह हो गया 

प्यार की राह दिखा के मुझे 

खुद अपने पथ से गुमराह हो गया  ।


सिखाया तो तुमने ही है

दुनिया में बस प्यार ही है

बांधे जो दिल से दिल को 

ऐसी कोई डोर भी है  ।


है राह दिखाना आसान बहुत

पर उसपे चलना मुश्किल है 

खोखले समाज की

सोच बदलना न मुमकिन है 


फासले ही अच्छे है

जो होके दूर भी पास है 

जो हो नहीं सकता  यार मेरे

क्यू उसपे तुझे विश्वास है । 


सच तो आखिर सच ही है

हर राह की न  मंज़िल है 

इस रंग बदलती दुनिया में

निशब्द होना ही वाजिब है  ।

समय - पीछे मुड़ के देख | TIME - BUSY LIFE | RECALLING OLD DAYS l HINDI KAVITA ON TODAY'S RUNNING LIFE

समय - पीछे मुड़ के देख 








पीछे मुड़के देखू तो याद आए

कैसे बितायी ज़िन्दगी जो जी आए 

सोचु तो हर दिन का हिसाब है

याद करू तो लगे कल की बात है । 


क्या कभी तुमने महसूस किया ?

संघर्ष में हर दिन बीत गया 

कुछ संघी साथी छूट गए

कुछ अपने हमसे रूठ गए  ।  


कोई आके दिल में बस गया

तो कोई दूर हमसे चला गया 

कहना , सुनना और कितनी बातें

कैसे काटे दिन और काटी रातें  । 


क्या था बचपन ! क्या रही जवानी !

खिलोने , किताबें और प्रेम कहानी 

आस पड़ोस और रिश्तेदार

शादी जन्मदिन और तीज त्यौहार 

माँ बाप का घर वो अपनापन 

निश्चिन्त स्वाभाव और बड़बोलापन 


हुई शादी चल दिए घर नए 

मिला नया परिवार ससुराल में 

समझते जिन्हे  कई साल लगे

देवर, जेठ और सास ससुर हमारे 

सलोना सा पति जो नखरे उठाये

हर बात पे अपनी सहमति जताये ।


बाल बच्चे और घर ग्रहस्ती 

रिक्शा, मेट्रो और ऑफिस की जल्दी

वाह री लाइफ तू कैसे गुज़री

हर उम्र मेरी तुझे छू के निकली। 


चाहू बैठना तेरे साथ एक दिन

पूछू तुझसे क्या है जल्दी ?

क्यू इतनी जल्दी है बीत रही !

ठहर जाना कुछ पल को 

जी लेने दे मुझे इसे

वरना छुट्टी लेनी पड़ेगी 

पीछे मुड़ के देखने के लिए । 

Thursday, February 17, 2022

न ठहर बस बढ़ता चल !! | प्रेरणादायक कविता | Motivational Hindi Poem | Inspirational Poetry | Hindi kavita on boosting Courage & Optimism


प्रेरणादायक कविता -न ठहर बस बढ़ता चल !!











    







हार के पीछे जीत छुपी है

तेरे कर्मो पे तेरी तकदीर टिकी है । 

हिम्मत न हार बस आगे बढ़ 

हर रात के पीछे सुबह खडी है । 

रख हौसलों में इतना दम

के दुखों की कमर तोड़ दे  । 

जिस पथ पे कांटे हो बिछे 

उस पथ पे कलिया बिखेर दे  । 

न बाल बांका कर सके 

तेरा कोई  कहीं कभी  । 

तू ऐसी एक चट्टान बन

जो शत्रुओं का रास्ता रोक दे  । 

तू याद बस अपना लक्ष्य रख

बनके अर्जुन तरकश तैयार रख  । 

ज़िन्दगी की रुकावटो को 

अपने हित में लेके चल  । 

न मिले जीत कोई बात नहीं

अपनी हार से सीख लेके चल  । 

जीवन एक परीक्षास्थल है

यहाँ कोई उत्तीर्ण तो कोई विफल है  । 

तेरी  हार में भी जीत है 

एक तजुर्बा, एक विश्वास है  । 

तू फिर से उठ और कोशिश कर 

बढ़के आगे अपनी जीत हासिल कर   ।। 








Monday, February 14, 2022

इश्क़ |Love Poetry | Valentine's Day Poetry With Image | Love Quotes | God's Gift Love

Valentine' Day









हर उम्र का सवाल है 

क्यू इश्क़ बेहिसाब है

थाह न इसका मिले है ! 

डूब के जो पार लगे है 

वही तो  जीवन में तरे है  

जिसे प्यार के बदले 

प्यार मिले है !!


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