कसम है मेरी |
तेरी नज़र ऐसा असर कर गयी
देखते ही दिल में घर कर गयी
सुध अपनी मुझे अब कुछ न रही
जबसे ख्यालो में मेरे तू बस गयी ।
उमीदे तुझसे अब जुड़ने लगी
फिर से जीने की मन में उमंगें बढ़ी
जो कही न किसी से वो बातें कहीं
जबसे जीने की तेरे संग कस्मे हुई।
अब तो दिन में सपने सजोने लगे
जबसे नाम तेरा हम जपने लगे
क्यू न कोई मुझे अब तुझसा लगे
तेरा चेहरा न जाने क्या जादू करे।
रात और दिन आंखों में कटने लगे
क्यू तुझसे मिलने की बेचैनी रहे
यार ! अब और दूरी न सही जा रही
पास आजा के तुझको कसम है मेरी !!