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ये फ़ासला कम न हुआतुझसे मिलना न हुआ
क्या किस्मत रही अपनी
जिसे चाहा वही
By Vinita
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ये फ़ासला कम न हुआ
By Vinita
रेशम की डोर |
है मुश्किल तेरा मेरे साथ होना
जैसे हो धूप में बारिश का होना
लगता कठिन तेरे पथ पे चलना
जैसे पथरीले रास्ते पे नंगे पाओं चलना
फिर भी खिंचता है दिल तेरी ओर
नहीं टूटती मुझसे रेशम की डोर
चाहती हूँ तुझसे लगा लू दिल
भूल के सब अपनी मुश्किल
है उमीदे तुझसे बड़ी
क्या मैं तुझपे करलू यक़ीन ?
मान लू तुझे अपना हो जाऊ तेरी
और तोड़ दू सारे बंधन मैं अपने सभी !
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ऐसे ही बस कुछ नहीं
क्या है कोई बात नहींजिसे चाहा उसी ने दग़ा दिया
थे जिनकी यादो के सहारे ज़िंदा
उन्ही यादो ने हमें मार दिया !
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तेरे संग |
** तेरे संग **
विश्वास नहीं दिला सकते
जो सच है उसे झुठला नहीं सकते
निकाल कर देदे अगर जान अपनी
तो भी तेरे प्यार की कीमत चुका नहीं सकते
अपनी दूरियों का हिसाब लगा नहीं सकते
क्या - क्या नाम मिले तेरा होके बता नहीं सकते
तुमसे ही तुम्हारे जाने की शिकायत करनी है
पर तुमको अब वापिस बुला नहीं सकते
कह सकते तो बस इतना कहते
इन फ़ासलो को कम करते
तुम साथ देते अगर
तो आज हम संग होते है
रास्ते का पत्थर |
** रास्ते का पत्थर **
है पसंद तेरे रास्ते का पत्थर
जो दिखता है मुझे तेरे घर की सड़क पर
हटाता हूँ रोज़ सुबह उसको जाकर
पर पुनः पाता हूँ उसको उसी जगह पर
जानता हूँ पत्थर के पैर नहीं होते
जाने कैसे वो दूरी तय करते
है उसको भी तेरी आदत पड़ी
रहना है उसे तेरी ही गली
है अचरज मुझे ये जान के बड़ा
के पत्थर ने भी क्या प्यार कर लिया
अब ना देखा जा रहा के ठोकरें उसको लगे
अपना लो उसे जो राह में तेरी खड़े
है शिकायत मुझे तुमसे बहुत
के चाहने वाले दुनिया में कम बहुत
है बड़ी किस्मत जो कोई तुझसे प्रेम करे
यूँ ही नहीं श्री कृष्ण सुदामा से जा मिले
चाहता हूँ उठा लो तुम रास्ते का पत्थर
मान लो उसे अपना रखदो आँगन में जाकर
क्या ज़रूरी है इन्सान से ही प्रेम करना
प्रेम तो है पत्थर में भी भगवान देखना।
पतझड़ |
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सुना है तुम्हे कहते हुए ..
गम में आंहे भरते हुए
के, अकेले हम ही नहीं तन्हा !
और भी है..
जीवन के मेले में बिछड़े हुए
सुना है तुम्हे कहते हुए ..
हर मौसम में ढाढंस बढ़ाते हुए
के सीखो इन पत्तो से टिकना
जो पतझड़ में भी
है खुद से उमीदे लगाए हुए
सुना है तुम्हे कहते हुए ..
हर दिन को नया दिन बताते हुए
के जीना है हरपल को ..
खुशियूँ को दिल से लगाए हुए।
Kindly Listen Short Bhajan On Shri Krishna
** प्रेम **
कभी बात हो तो क्या बात हो !
मुलाकात हो तो क्या हाल हो !
जिसके नाम से आती है चेहरे पे मुस्कान !
वो सामने हो तो क्या बात हो !
कभी साथ हो तो क्या साथ हो !
सारी हसरते पूरी एक साथ हो !
जिसको सोचा हो ख्यालो में ही !
वो सामने हो तो क्या बात हो !
कभी मिलना हो तो कैसा हो !
मीरा का कृष्ण से मिलने जैसा हो !
तू मिले मुझे भगवन तो क्या बात हो !
मैं समझूंगी मेरा जीवन सफल हो !!
Prem |
इबादत |
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हर दिल की ये चाहत हो
किसी से इश्क़ हो
और पूरी उसकी इबादत हो
होगा यकीन !
जब एक फूल और दूसरा सुगंध हो ।।
हो प्यार में सब जायज़
और दिल से दिल की राह हो
होगा विश्वास !
जब प्यार की हार में ही जीत हो।।
दिया और बाती जैसा साथ हो
एक चाँद और दूसरा आसमान हो
होगा प्रेम पूर्ण !
जब एक दिल
और दूजा उसकी धड़कन हो ।।
By Vinita
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तेरा साथ सुकून देता है मुझे
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तेरे आने से जो रौनक है
चेहरे पे आयी गुलाबी रंगत है
है नूर सब जगह छिटका हुआ
और मन मेरा है मयूर हुआ
दिल में है जो कहना है तुमसे
आज फिर खुदको छुपाना है तुममे
तेरी आँखों में देखी है तस्वीर अपनी
तुझको भी तो खुद को पाना है मुझमे
ज़ादा कुछ नहीं चाहा है तुमसे
बस जीना है मुझको तुम्हारा बनके
हो गया है प्यार अब
दलीले देना बेकार है ,
कोई सूरत नज़र आती नहीं
आईना देखना बेकार है।
है आंखों से नीद गयी
सपने देखना बेकार है ,
सब मुझको फरेब लगे
अब होश में आना बेकार है ।
आदत है अब बिगड़ गयी
शिकायत करना बेकार है ,
तेरे बिन मेरा जीना
लगता मुझको दुश्वार है । ।
By Vinita
खूबसूरत सपना |
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कुछ पत्ते सड़क पर बिखरे बिखरे पड़े है
जिस तरह खूबसूरत रिश्तों के दर्द
जुबान पे आते आते रुके है
कभी सोचा न था ज़िन्दगी दर बदर होगी
उनसे बात करना एक फ़रियाद बस होगी
सोचा अब न देखेंगे मुड़ के कभी
गिला भूला देंगे बीते वक़्त के सभी
अंदाज़ा न था टूटेगा सपना इस कदर मेरा
के हिम्मत न होगी फिर विश्वास करने की कभी
हर मुलाकात पे जो मचलता इतराता था दिल
साथ रहके जिनके हमने लूट ली महफ़िल
क्या खबर थी के अब न हमसफ़र होगा
जो साथ रहता था हमेशा
वो एक खूबसूरत सपना होगा ।
मिलन |
आखिर मिलन तेरा मेरा होगा
इंतज़ार अब न सहन होगा
मिलना तुझसे एक दुआ होगा
जान ! मिलना तेरा
खुदा के मिलने जैसे होगा
तुमसे मिलके जो ख़ुशी होगी
वो ख़ुशी मुझे अविस्मर्णियाँ होगी
आँखों में कटेगी रातें अपनी
करनी है तुमसे बातें इतनी
होगी ख़ुशी दुगनी अपनी
साथ तेरे बीतेगी ज़िन्दगी अपनी !
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चलो फिर तुम्हे भूल जाए !
एक बार और याद करले तुम्हे ,
फिर तुमसे दूर हो जाये।
एक आखिरी सलाम - तुझसे फिर करे !और फिर तुझसे -अलग हो जाये।
पर जाने से पहले * कुछ कहना है मुझे !क्यों न - फिर एक बार तेरे हो जाये।।
क्या ज़िद थी तेरी के दूर हो गए
सही होके भी हम गलत हो गए
तेरे फैसलों ने मजबूर इतना किया
के पास रहके भी तुझसे दूर हो गए
सच साबित न कर सके हम कभी भी
और झूठ के आगे तेरे मजबूर हो गए
जो तूने कहा वो सह न सके हम
क्या सामना करते नज़र से दूर हो गए
जो उम्मीद थी मेरी वो न उम्मीद हो गई
जिसे साथ देना था वो सबसे पहले दूर हो गए
क्या खबर थी यूँ बिखरेगा आशियान मेरा
के घर जोड़ने वाला ही तोड़ेगा घर मेरा
ज़ज़्बात
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कभी बिन कारण भी मिलो हमसे !साथ तेरे - रहना ही काफी है
कुछ दिन, कुछ पल और कितने साल..
क्या है ? कौन है ? और कैसा है ?
के तू * साथ निभाने वाला है।।
By Vinita
आज नहीं तो कल बनेंगे मेरे बिगड़े काम भोलेनाथ पे विश्वास मुझे है वो सुनते मन की बात देर है पर अंधेर नहीं जाने सब संसार परम पिता परमेश्वर ...