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आपकी मुस्कराहट
आपकी सुंदरता बढाती है
आपका ब्लड प्रेशर कम करती है
आपको तनाव मुक्त करती है
और ये प्राकृतिक दर्द निवारक है
Hello Friends, you will find variety of Melodious & a Imaginative Poetries like Friendship, Love, First Meet, Memories, Desires, Happiness, and Many More On my Blog. Themisvi.com .
Leaves : पत्तियाँ |
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धूप - छाव से बेखबर
पतझड़ - बसंत से अंजान
पेड़ो पर फिर आयी है कोंपले
लेके एक नयी पहचान
दमकती सी इठलाती हुई
सजी हुई है डाली पे
चमक रही हीरे जैसी
वृक्षों की हर टहनी पे
देख के मन है प्रस्सन हुआ
बच्चा जैसा खिलखिला रहा
इन धानी रंग की पत्तियों ने
दरख्तों को सजा दिया
देखने है इन्हे सारे मौसम
वसंत, ग्रीष्म, वर्षा ,शरद
हेमत और शीत ऋतू
पत्तियाँ है पेड़ का अहम् भाग
इनसे ही पेड़ का भोजन बनता
और जीवो को प्राणवायु मिलता
कोंपले से पत्ती बनने का सफर
अपने आप में है एक सबक
शाखाओं से अपनी जुड़े रहे
स्वय को खुश और व्यस्त रखे l
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कलयुग के रिश्तों का
इतना सा फ़साना है
न मुझे कोई मतलब तुमसे
न तुम्हे ही कोई रिश्ता निभाना है
मिया बीवी और बच्चे बस
बाकि सबसे औपचारिकता निभाना है
और रिश्तों से कोई दरक़ार नहीं
एक नाम का बोझ उठाना है
अपना खाना ही मुश्किल है
यहाँ किसको बना के खिलाना है
अब प्यार नहीं तकरार है
तेरे मेरे की मार है
पैसों ने लेली जगह सबकी
हाल पूछना भी दुश्वार है
बड़ा परिवार और ज़ादा सुख
वो तो सपना पुराना है
हम दो और हमारे दो
इससे आगे क्या किसी को जाना है
छोटा परिवार और भीड़ कम
अब ये नया नारा है
दादा दादी और नाना नानी
वो तो गुज़रा ज़माना है
माँ - बाप को पहचान ले बच्चे
तो समझो गंगा नहाना है l
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ॐ गन गणपतये नमो नमः
ॐ श्री गणेशाय नमः
ॐ लम्बोदराय नमः
ॐ गणेशाये नमः
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तुमसे मिलना एक बहाना था
जिंदगी को तुमसे मिलाना था
एक अनमोल रिश्ता निभाना था
जिसे मेरा जीवन महकाना था
दुःख है ! एक कहानी ख़तम हुई
अफ़सोस ज़िन्दगी रूठ गयी
क्या खबर थी मेरे साथ न तू होगा
पर जो तोहफा दिया तूने
वो तुझसे बढ़ कर होगा !
बाल श्रम |
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छीन कर मासूम बचपन
देदी गरीबी ने जिम्मेदारी
खिलोने से खेलने की उम्र में
नियुक्त हुए है बाल कर्मचारी
गरीबता भी अभिशाप है
मार जिसकी सहनी पड़ती
दो वक़्त की रोटी के लिए
दिनभर की दिहाड़ी करनी पड़ती
प्यार और दुलार मिलना है जिनको
दुत्कार उनको मिल रही
कैसी परिस्थिति है जिसमे
वक़्त से पहले बचपन और जवानी ढल रही
आय, असमानता, शिक्षा की कमी
बड़ा परिवार और कृषि की कमी
कारण है ये बाल श्रम के
भुक्तना जिसे 14 साल से कम उम्र को पड़े
कम पगार सुविधाएं कम
मन मर्ज़ी का काम, सवाल कम
छोटा कद, कंधो पे वजन भारी
कुपोषण का शिकार है परिश्रमकारी
शिक्षा और जागरूकता का आभाव
व्यसायिक और नियुक्ताओं की कमी
कानून और उसके दंड को है समझाना
बाल श्रम का है बहिष्कार करना
अचरज है ये देख के
देश आज भी गुलाम है
बांध के आँखों पे पट्टी
इंसान बन रहा महान है।
श्री गणेशा |
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जय गणेशा .....
तुम्हे नमन हमेशा
मेरे दुःख सुख में
साथ रहना हमेशा
जब पथ भटकू
राह दिखाना
मुश्किल समय में भी
साथ निभाना
विघ्नों को हरना
हे विघ्नहर्ता
करुणा कृपा को अपनी
हरदम बरसाना
अकेला न करना
प्रभु कभी मुझको
हमेशा अपने तुम
साए में रखना
ये जीवन तो है प्रभु देन तुम्हारी
मुझको अपनी सेवा में रखना l
Short Video On Shri Ganesha
दुल्हन |
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सजाया है आज खुद को मैंने
पिया तेरे इंतज़ार में
सुरमा है चंचल रात की स्याही
मांग सजे है प्यार की निशानी
ओढ़ ली है धानी चुनरिया
अंगिआ जैसे रेशम केसरिया
पैरों में है आलता बिछिया
और माथे पे चमके बिंदिया
कलाई भरी है गुलाबी चूड़ियाँ
कानो में दमके है झुमकियां
मुख चमके जैसे पूनम का चाँद
नथ में मोती जड़े तमाम
छागल ने अब किया है शोर
दुल्हन चली अब पी की और
करके सोलह श्रृंगार सजन
खाई सातो जन्म की कसम
और बंध गए पवित्र बंधन में हम
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Never Loose Hope - प्रेरणादायक कविता |
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लगता है रूठी है मुझसे
इसे बच्चे सा बहकता हूँ
फिर नयी कहानी सुनाता हूँ
जिसमे जादू है कुछ यादो का
कई भूले बिसरे किस्सों का
बस खो जाती उनमे ही
हस्ती हुई कहती है मुझसे
अभी तो तेरा अधूरा है सफर
ज़िन्दगी है नाम मेरा ,
जीना तुझे मैं सीखा रही
रूठी नहीं हूँ तुझसे मैं
तुझे तजुर्बेदार बना रही
शीशे सा जो मन है तेरा
उसको मजबूत बना रही ।
राह में जो ठोकरे है
वही तो सबक सीखा रही
हिम्मत न हार बस चलता चल
ज़िन्दगी तुझे रास्ता दिखा रही
तराश कर हुनर को तेरे
तुझे कामयाब बना रही
जो हर चेहरे को पहचान ले
मैं वो आईना दिखा रही
हर रात के बाद सुबह होगी
ये बात तुझे समझा रही
ज़िन्दगी है नाम मेरा
जीना तुझे मैं सीखा रही
Pls Enjoy The short Motivational Video
Motivational Poetry For Students |
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कर्म करना है काम तुम्हारा
मेहनत करना मैं सीखा रही
जो पहचान तुम्हे दिला सके
ऐसा इंसान बना रही
लकीरो में तो बहुत कुछ लिखा है
पर विश्वास अपनी मेंहनत पे करो
चाहे कितना मुश्किल हो रास्ता
मार्ग आप अपना मजबूत करो
पढाई का शॉर्टकट कोई नहीं
इसलिए समय पे शुरुवात करो
ग़लतियों से अपनी सीखो
और खुद से खुद में सुधार करो
पढाई को दो पहला स्थान
फिर क्रीड़ा और टीवी को
मोबाइल से परहेज़ करो
और समय का सही उपयोग करो
तपके जो बनता है सोना
वही तो मस्तक पे है सजता
हार न मानो और आगे बढ़ो
तुम बस अपना लक्ष्य सिद्ध करो
जीत तो होगी तुम्हारी
अपना ध्यान अध्ययन पे करो
परीक्षा में है सफल होना
याद बस यही बात रखो
आज की पढाई कल रंग लाएगी
जब कामयाबी तेरे नाम आएगी
किताबों में ही है असली ज्ञान
जो दिलाएगी तुम्हे नाम और सम्मान । ।
Hindi POETRY ON BREAK-UP |
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POETRY ON BREAK-UP |
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मेरा दिल अब टूट चुका है
तेरी बातों से रूठ चुका है !
तेरे रोज़ नए अफ़साने सुन
मेरा मन अब ऊब चुका है ।
हर बात पे तेरी संशय है
प्यार से बड़ा क्या गम है !
हर रोज़ रूठने मनाने से
मेरा दिल अब थक चुका है
हर दिन एक नया बहाना है
अब हमने पहचाना है !
थोड़ी तो मोहब्बत सच्ची है
पर उसमे भी खुदगर्ज़ी है
न कोई शिकायत तुझसे है
न ही कोई वास्ता रहा है !
तेरी हर नादानी पे
अब मुझको ऐतराज़ हुआ है ।
यार मेरे मैं तेरे सदके
ख़तम किये सब अपने रिश्ते !
होगी अब शुरुवात नई
तेरी राह से मिलती मेरी राह नहीं ।।
श्री राधे कृष्णा |
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रूप सलोना आंखों में बसे
मुस्कान तेरी मेरे मन को हरे
जब जब देखु तुझको प्रभु मैं
दिल तुझसे मिलने को कहे
तुझे सुमिरन करते उमरिया बीते
सेवा में तेरी मेरा जीवन रहे
और कुछ न चाहु प्रभु में
बस सर पे सदा तेरा हाथ रहे।
करे योग और रहे निरोग |
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चाहे हो घर के काम
या फिर ऑफिस की थकान
महिला हो या फिर पुरुष
करे आप रोज़ व्याम
मिलती ऊर्जा और स्फूर्ति
दिनभर रहता शरीर एक्टिव
योग हमें सन्मार्ग दिखाता
रोगो से मिलता छुटकारा
सुबह सुबह जो कसरत करता
जीवन में वो आगे बढ़ता
विटामिन डी की कमी पूरी होती
जिस तन सूर्य की किरणे लगती
शरीर को अपने रोग मुक्त करे
कपालभाति आप रोज़ करे
सभी आसान योग के असरदायक
अलोम विलोम अति लाभदायक
सूर्य नमस्कार करे जो नियमित
दीर्घ आयु मिले उसे निश्चित
योग तो है एक जीवनदान
करे योग पाए दर्द से निदान
शरीर अपना खुद स्वस्थ रखे
नित्य नियम जो व्याम करे
आदत अपनी अच्छी करे
उठ के सुबह गुनगुना पानी पिए
योग से दिन की करे शुरुवात
फिर हो निरोगी शरीर का विकास
अच्छा खाये और पिए
नेचुरल फल और सब्जियाँ ले
खाना घर का बना करे
सेहत का अपनी ध्यान रखे
सीखे और सिखाये योग
जीवन अपना है अनमोल
आपका दिल भी थैंक्यू कहे
अगर आप अपना ध्यान रखे ।
कुछ इस तरह के ख्याल है ... |
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कुछ इस तरह के ख्याल है
के सवाल ही जवाब है
तेरे आने की ख़ुशी अब याद नहीं
तेरे जाने के गम बेहिसाब है
दुनिया जो तुने दिखाई है
बस ज़हन में वही समाई है
बाकी सब फ़िज़ूल लगे
क्यों खुली आँखों में भी सपना दिखे ?
गर खयालो में भी तुझे पाया है
तो आस्मां से आगे कदम बढ़ाया है
सच मानु तो सब बेमाना लगे
क्यों फिर पैरो के तले न ज़मीन रहे ?
सबके चेहरों पे मासूम मुखौटे दिखे
गिले शिकवे किसी से रह न गए
क्या तेरे जाने से हम बदल गए ?
क्यों अब न तेरा इंतज़ार रहे !
सुप्रभात |
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जहाँ सुमति तहाँ सम्पति नाना; जहाँ कुमति तहाँ बिपति निदाना
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जहाँ सब प्रेम से रहते है वहाँ सभी सुखों का और लक्छमी का वास होता है
और जहाँ कलेश और द्वेष होता है वहाँ विघ्न, बाधाओं और विप्पति का वास होता है
Pls enjoy the short video on Morning Quote
Memories - यादें |
मुरझाये हुए फूलों को फिर से खिला रहे है
जानते है इंतज़ार करना है फ़िज़ूल मेरा
फिर भी तेरे तस्सुवर में जिए जा रहे है
झूठी उम्मीद पे तेरी हो गया है यकीं
जिसे सच मान दिल को बहला रहे है
अँधेरी रात में चाँद भी है सो गया
और तेरी राहों में हम दीपक जला रहे है
जानते है फरेब है , धोखा ये किस्मत का है
सपना तो सुंदर है लेकिन
क्यों अंत में इसको टूटना है ?
हो बेटियो से पूरा परिवार
जीने का इनको भी अधिकार
प्रण करलो देना है जीवनदान
दो शिक्षा का इनको भी ज्ञान ।
किस्मत से तो मिलती बेटी
दान किये होंगे कहीं मोती
घर अंगना में चहकती रहती
अपना और परिवार का ध्यान रखती ।
माँ की सहेली और पिता की शान
पढ़ -लिख कर रोशन करे नाम
सूंदर सुशील सभ्य और सूंदर
अपने घर का है अभीमान ।
अब नहीं फरक बेटा-बेटी में
दोनों ही है एक समान
किसी से किसी की तुलना नहीं
दोनों ही है अपनी संतान।
निस्वार्थ प्रेम और सेवा भाव
कर्मठ और सहनशील स्वाभाव
एक रूप में कई रूप है जिसके
बेटियां है ईश्वर का वरदान ।
इक्तफाक़ हुआ ऐसा
कोहरा आंखों से छटा ऐसा
देखा था जो आईना बरसो
उस चेहरे से दिल भरा ऐसा
ओझल होते ही चेहरे के
मन की आँखें खुली
कोई तम्मना कोई उम्मीद
रह न गयी
शीशे का क्या ?
उसने तो चेहरा दिखाया
मन को भरमा के उसे प्रेम बताया
लेकिन ,
निश्चल है प्रेम और उसकी भाषा
पूंजी ऐसी जिसको सबने अपनाया
न खोने का डर न पाने की इच्छा
न जात - पात और द्वेष किसी का
परवाह जिसमे एक दूजे की रहे
और खुद से पहले तुम्हारा ध्यान रहे।
ॐ नमः शिवाय |
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ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्
हम पृथ्वीलोक, भुवर्लोक और स्वर्लोक में व्याप्त उस सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परमात्मा के तेज का ध्यान करते हैं। हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की तरफ चलने के लिए परमात्मा का तेज प्रेरित करे।
ये मोहब्बत फिर दुबारा न हुई |
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ये मोहब्बत फिर दुबारा न हुई
जिसे चाहा उससे लकीरे न मिली
राह देखते थे जिनकी देर रात तलक
उन रातो की कभी सुबह नहीं हुई
इंतज़ार से नवाज़ा गया इश्क़ को अपने
क्या कहे फुर्सत जो थी हमें ताउम्र की
आज भी है याद मुझे तेरी कही हर बात
मैं हूँ वही पर एक उम्र निकल गयी
जीवन का सत्य - मौत पे कविता |
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हक़ीक़त यही है वो दिन भी आएगा
छोड़ पीछे सबकुछ जब जाना पड़ेगा
जो रिश्ते हमें जान से भी है प्यारे
उन्ही को अलविदा कहना पड़ेगा
छूटेगा सब कुछ ये घर और घराना
दोस्तो से अपना मिलना मिलाना
साया भी अपना साथ छोड़ जायेगा
हक़ीक़त यही है वो दिन भी आएगा
ज़िन्दगी भर की मेहनत काम न आएगी
सूझ बूझ सब बेमानी हो जाएगी
धन दौलत सब रखा रह जायेगा
हक़ीक़त यही है की वो दिन भी आएगा
धोखा लगेगा जो जीवन जिया है
हक़ीक़त को जब अपनाना पड़ेगा
सोने सी काया जिसको इतना सजाया
हक़ीक़त यही है उसे खोना पड़ेगा
आंखों में आंसू दर्द सीने में रहेगा
लब पे किसी अपने का नाम सजेगा
चंद सांसे और फिर राम नाम होगा
मिट्टी को अपनी ख़ाख़ होना पड़ेगा । ।
प्यार है तुझसे ही करना
लड़ना भी तेरे साथ है
अब सफर कैसा भी हो
मुझे चलना तेरे साथ है ।
Enjoy the Short clip on Love
आज नहीं तो कल बनेंगे मेरे बिगड़े काम भोलेनाथ पे विश्वास मुझे है वो सुनते मन की बात देर है पर अंधेर नहीं जाने सब संसार परम पिता परमेश्वर ...