Monday, December 13, 2021

कमज़ोर डोर | # HINDI POETRY ON MISUNDERSTANDINGS


कमज़ोर डोर 










कमज़ोर डोर -   Divorce Or Sepration 









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कहनी थी तुमसे बात जो, वो अधूरी रह गयी 

खाई थी जो कसम वो कसम भी रह गयी 

सवाल ऐसे थे के कुछ  कह न सके हम 

जो कटी रात आंखों में वो रात रह गयी


गलतफैमियूं का इलाज  कर न सके हम   

जो सच थी  बात  वो अनकही ही रह गयी

क्या खबर थी के धोखा होगा हमें  

आइना भी चेहरा अलग दिखायेगा हमें


पछतावा है अपने अभिमान पे हमें 

मान रहे थे जिसे अपना वही सजा देगा हमें 

ऐसी भी क्या मजबूरी कभी बात न हुई 

दूरी इतनी भी न थी के तय न हुई 


रिश्ता तो क्या निभता यार अपना !

डोर तो पहले ही कमज़ोर थी गांठ और पड़ गयी।  

Saturday, December 11, 2021

आदत | HABBIT OF LOVE | ROMANTIC POETRY | POETRY FOR VALENTINE | FRIENDSHIP DAY

Pls Listen Habbit - of love to experience  more realistic poetry  by single click on below Image .



आंखों को तुझे देखने की आदत सी हो गयी !

हर दिन तेरे साथ गुज़रे ये फरियाद हो गयी । 

अब जी न सकेंगे यार तेरे बैगर

तू मेरे जीने की वजह जो हो गयी  ।    

    

ये कैसा प्यार हुआ मुझको मेरे यार ?

के  खुद को भूलने की  बात आम हो गयी । 

तेरी ही फ़िक्र में बीते मेरे तो दिन और रात !

ज़िक्र तेरा ही हो चाहे  रहूं किसी के साथ । 


तेरे होने से जो चेहरे पे मुस्कान है मेरे  !

तेरी कही  हर बात मेरे लिए ख़ास हो गयी। 

बिगड़ गयी आदते  मेरी साथ रह के तेरे !

आदतों को मेरी तेरी आदत जो पड़ गयी । ।


हो जैसे फूलो संग खुशबू और सावन संग बरसात ,

वैसे ही मैं भी तेरे संग रह  गयी  । ।  


Aadat - Of Love

Friday, December 10, 2021

वजह | WAJAH | Reason Of Living | Short Love poetry

WAJAH

     आंखों को तुझे देखने की          

     आदत सी हो गयी

     हर दिन तेरे साथ गुज़रे ये

     फरियाद हो गयी    ,

     अब जी न सकेंगे यार 

     हम  तेरे बैगर

    तू मेरे जीने की

    वजह जो हो गयी  ।                                              

                                                      




 

Wednesday, December 08, 2021

बता दे मुझे | BATA DE MUJHE | HINDI KAVITA | LIVING TOGETHER | LOVE & HAPPINESS

Pls Listen BATA DE MUJHE to experience  more realistic poetry  by single click on below Image .


एक बार फिर बता दे मुझे ,

है कितना प्यार मुझसे जता दे मुझे । 

माना के ज़रूरत नहीं दिखावे की तुझे  !

फिर भी दिल बहलाने के लिए बता दे मुझे ।  


जानती हूँ ! दुआओं में  तेरी में ही तो हूँ  !

क्यू न फिर एक बार खुदा से मांग ले मुझे । 

है तनहा  तू भी इस जहान में  ! 

आ साथ दे मेरा और अपने गम देदे मुझे ।  


ये इश्क़ ही तो ज़िन्दगी है जो जी रहे है हम  !

भूल जा इसमें खुद को और गले लगा ले मुझे ।। 

इन दूरियूं  को अपनी नज़्दीकियूं में बदल दे  !

और बाकी की ज़िन्दगी आ मिल के जी ले ।।।। 

 

Bataa De Mujhe 


Tuesday, December 07, 2021

विश्वास | VISHWAS | Short Poetry On Love & Trust | Ehsaas | दोस्त | FRIENDSHIP


एहसास      **********

कोई कैसे बताये के कितना प्यार है !

हर वक़्त जो साथ रहे ऐसा एहसास  है !

यूं नहीं थामा है हाथ तेरा दोस्त !

खुद से ज़्यादा मुझे तुझपे विश्वास है । 

Vishwas 


कल | KAL | Short Poetry On Past | Missing | Memories | Truth Of Life



       Short Poetry On Past


क्या खबर थी की ऐसा वक़्त होगा

जो सोचा न कभी वो हक़ीक़त होगा ,

जो रहता था आंखों के सामने हमेशा

वो आज एक बीता हुआ कल होगा !!

Sunday, December 05, 2021

कॉंच का टुकड़ा # KAANCH KA TUKDA # Memories Of Past

            कॉंच का टुकड़ा








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ये दर्पण मुझसे अब खेलने लगा 

बीते समय में मुझे  ले जाने लगा 

हटती नहीं है नज़र इससे अब 

मुझे मेरे अतीत से मिलाने लगा । 


कभी माँ की ममता से मिला दिया 

और पलकों को मेरी भिगो दिया। 

कभी बचपन मुझे फिरसे दिखा दिया 

जिसको भूले मुझे एक ज़माना हुआ । 


कभी पुराने दोस्तो से मिला दिया 

बिंदास ज़िन्दगी को दिखा दिया। 

कोई हसीं खवाब जैसे में देखने लगी 

फिर न आईना से मेरी नज़रे  हटी। 


मुस्कुराती हुई एक छवि भी दिखी 

साथ रहने के जिसके संग कस्मे हुई

कैसे बीते थे दिन कैसे बीती थी रात 

दर्पण भी खुश था देख के ऐसा प्यार। 


एक सजी हुई दुल्हन भी मुझको दिखी  

भूल बाबुल का घर जो पी घर चली। 

जो  बंधी थी बस प्यार के बंधन से ही 

जानती थी बस प्रेम की भाषा को ही। 


थे अरमान जिसके बस मिलके चले 

बीती ज़िन्दगी को भूल बस खुश रहे। 


क्या पता था अंजाम क्या होगा ?

शीशा जिसके साथ खेल रहा था 

वो एक कॉंच का टुकड़ा होगा।



Thursday, December 02, 2021

दोस्ती | Friendship | Love | Hindi Poetry on Friends | Poetry on Happy Friendship day



Pls Listen DOSTI  to experience  more realistic poetry  by single click on above  Image .


हर शाम साथ गुज़ारी है 

ज़िन्दगी थोड़ी नहीं पूरी तूने बिगाड़ी  है 

और कितनी तारीफ करे दोस्त तेरी हम 

एकसाथ रहने के लिए मार भी हमने खाई है 


हर दिन एक नया झूठ बोला है 

दोस्ती को कभी न तोला है  

तेरे साथ रहने के लिए दोस्त मेरे

हॉलिडे को भी वर्किंग बोला  है 


इतनी शिद्दत से तो पढाई न की कभी 

जितनी शिद्दत से निभी दोस्ती अपनी  

माना शिकायत रही सबको हमसे बहुत  

फिर भी  बरक़रार रही  दोस्ती अपनी 


साथ रहे हम हमेशा 

दुआँ है यही 

बस दोस्ती को अपनी 

कभी नज़र लगे नहीं । 


 


Wednesday, December 01, 2021

Poetry On Love | Poetry on Friendship # दिल के पास

दिल के पास


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तू दिल के इतने पास है

के तेरी चाहत का एहसास है

तू बेशक मुझपे  विश्वास न कर

पर मुझको सिर्फ तुझसे प्यार है।


Monday, November 29, 2021

Love Poetry | Shayari Status in Hindi |








ये कैसी मोहब्ब्बत है ?

अब , इससे हमें शिकायत है। 

क्यू इसका दुःख हमें दुखी करे ?

ये कैसी इसकी चाहत है ?

Saturday, November 27, 2021

Only Love | Sad Poetry

 चेहरा तेरा आंखों में बसे                                           

 ख्याल तेरा मेरे दिल में रहे। 

 ये कैसी मोहब्बत है तेरी ?

 जितना भूलू इसे  !

उतनी तेरी याद आए ।।  





  











Wednesday, November 24, 2021

भारतीय वीर | हिंदी कविता | Patriotic Poem | देशभक्ति पर कविता | Hindi Poem On 26th January | Hindi Kavita On Independence Day

Listen Bhartiya Veer to experience  more realistic poetry  by single click on below
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** भारतीय वीर **  

ये भारतीय वीर की गाथा है ,
जो चट्टानों से लड़ना जानता  है। 
क्या अन्धकार और कैसा डर !
ये निडर होके - आगे बढ़ना जानता है। 

न दुश्मन के आगे हारा है ,
न पीछे कदम हटाया है
ये वो फौलादी सीना है ,
जो भारतिय जवान कहलाता है।। 

कितनी ही जंगे जीती है। 
कितनो को घाट उतारा है। 
इनकी शान का क्या कहना !
हमेशा विजय का बिगुल बजाया है। 

है इनकी  बिसात में कमी नहीं ,
लक्ष्य से इनको - भटका सकते नहीं ।  
इनकी दृढता के आगे ,
दुष्मन भी टेके घुटना अपना। 

ज़ज़्बे को इनके सलाम है। 
भारत देश को इनपे अभीमान है। 
उस माँ को कोटि कोटि प्रणाम है ,
जिसके लाल ने - देश के लिए - दी अपनी जान है। 

है इनकी शूरता में इतना दम , 
शत्रु को मारे घर में घुसकर । 
हे-वीर सिपाही भारत के ! 
भारत देश करे तुझको नमन।। 

  **  जय हिन्द जय भारत **

लम्हे | LAMHE | Heart Touching Poetry In Hindi









बीते जो लम्हे साथ में वो भूल कैसे  पाएंगे ,

जितना दूर जायेंगे उतना ही याद आएंगे । 


चाहेंगे जो कभी भूलना तो मुमकिन ना  कर पाएंगे ,

पहुंचेंगे उसी मोड़ पे जहाँ से लौट नहीं पाएंगे । 


मिलना तो एक खवाब है जो पूरा न हो सकेगा ,

वैसे ही जैसे कस्तूरी को मृग ढूंढता फिरेगा। 


एक चाह रह जाएगी बस तेरे पास ,

झूठी ही सही दिला देना आस ।। 


कह देना के मिलना होगा फिर एक बार ,

वैसे ही जैसे रहता है एक तारा चाँद के पास ।।।। 


Saturday, November 20, 2021

Short Poetry On love


 










मेरे इश्क़ ने तुझे खुदा बना दिया !

जो कह न सके किसी से कभी , 

तुझसे कह दिया !

अब और क्या कहे हमसफ़र मेरे ,

तेरी चाह में हमने खुद को भुला दिया। 

Friday, November 19, 2021

MOTIVATIONAL QUOTE | प्रेरणादायक सुविचार | THOUGHT FOR LIFE











ये दुःख भी बहुत जरूरी है

जो सुख को परिभाषित करता है। 

बिन दुःख के सुख का मूल्य नहीं ,

जो सुख का अनुभव कराता है । । 

Thursday, November 18, 2021

FOUR LINES ON LOVE & COMPROMISE | समझौता | SHORT POETRY










छोटी सी ज़िन्दगी में कितना नाराज़ रहोगे ?

आ जाओ सुलह करलो हमेशा याद रहोगे। 

ऐसी भी क्या बात जो  इतना खफा हो !

इंतज़ार हुआ बहुत बस अब न सजा दो।। 

Motivational Quote | प्रेरणादायक सुविचार | Thought for Life







 हर शुरुवात कठिन होगी 

 हर रास्ते पे ठोकरे होंगी। 

 है इसी का नाम ज़िन्दगी !

 आगे बढ़ के ही जीत हासिल होगी । । 


Kindly watch short video on Motivational Quote



Wednesday, November 17, 2021

सुविचार | आज का सुविचार | THOUGHT OF THE DAY


कार्य करने से पहले सोच लो के परिणाम क्या होगा ,

बिन सोचे जो कार्य किया तो सिर्फ पछतावा होगा । 

Monday, November 15, 2021

सुविचार | MOTIVATINOL QUOTE




न संकोच करो बस चल पड़ो

जहाँ मंज़िल है उधर बढ़ो  

रुकावटे तो इम्तिहान है  !

इन्हे उत्तीर्ण कर सफल बनो  ।।





Saturday, November 13, 2021

मजबूर |MAJBOOR | HINDI KAVITA












क्यों इतना मजबूर है 

हाथ कलम है  मेरे पर शब्दों से दूर है । 

क्यों इतना मजबूर  है 

रास्ता तो है पर मंज़िल से दूर है ।  


क्यू इतना मजबूर है 

करीब है तेरे पर नज़रों से दूर  है। 

क्यों इतना मजबूर है 

मोहब्बत है पर इज़हार से दूर है  । । 


क्यों इतना मजबूर है 

मोती की तरह सीप से दूर है   । । 

क्यों इतना मजबूर है 

तू मुझमे है पर हम खुद से दूर है    । । । 





कसूर |KASOOR | HINDI KAVITA

Pls Listen KASOOR to experience  more realistic poetry  by single click on below  Image .



साथी तेरे साथ ने असर ये किया

मुझे खुद से भी  बेखबर कर दिया ,

हाल पूछा किसी ने जो मेरा कभी 

हाले दिल हमने बयां कर  दिया । 


तेरे पहलू में आके पता ये चला

है करना फ़िज़ूल तुझसे गिला ,

तेरा तो  कोई कसूर नहीं 

जहाँ चाह नहीं  वहां जाना कहाँ  !


है चाहतो का खेल ये सब पिया  

जीता जो इसमें समझो  हारा जिया !!






Thursday, November 11, 2021

सुबह की चाय | Morning Tea | Short Poetry

 सुबह की चाय

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ये उगती सी धूप

महके से गुलाब

धीरे से कहना ,

कैसे है आप ?

बस यही है मेरे लिए 

सुबह की चाय , जनाब !!



Wednesday, November 10, 2021

ख्याल | four lines on Khayal or Care |Short Poetry on Love


ख्याल 

  

  





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  *** ख्याल ****                

हर वक़्त और हर पहर

क्या शाम और क्या सहर 

तेरा ख्याल है मुझे 

रहूँ चाहे किसी शहर !









Monday, November 08, 2021

फेयरवेल * विदाई समारोह (कविता ) FAREWELL Poem to Boss or Officers | Goodbye Msg For Coaches & Teachers

 फेयरवेल - विदाई समारोह  


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सर जी ,   ...................

आपके साथ बीते जो दिन वो यादगार बन गए 

आपका साहसी , संकल्पी और दृढ़ निश्चयी अंदाज़ 

आपकी पहचान बन गए 


स्टाफ के साथ मिलके रहना 

आशावादी होना और हमेशा खुश रहना 

आप तो दूसरों के लिए मिसाल बन गए। 


आँखें है नम और सबको है गम  

आपका साथ हमारे लिए था एक उजली किरण 

पारस हो आप , चेहरे पे एक तेज लिए हुए 

कम न हो जिसका शौर्य  ऐसी हस्ती लिए हुए । 


आपके साथ काम किया  ये किस्मत है हमारी 

फेयरवेल के दिन आपके है विनती हमारी 

हो आपकी उन्नति  हमेशा और मिले कामयाबी  


सर , आपको सलाम है 

आपके साथ काम करना हम सबके लिए अभिमान है

धन्यवाद

Sunday, November 07, 2021

दुःख - दर्द | हिन्द कविता | DUKH - DARD |

दुःख - दर्द







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ये दर्द सुकून देता  है 

ये तकलीफ भली लगती है

इस दुःख से शिकायत कैसी ,

ये ख़ुशी जान लेती है। 


ये दर्द जिया है मैंने

इसकी अब मुझको आदत है

न जाने ख़ुशी कैसी होगी ,

जो सिर्फ सुनाई देती है। 


हाँ , जी है मैंने थोड़ी से

कुछ खट्टी सी कुछ मीठी सी 

फिर भी दुःख का मज़ा लिया ,

जो मुझे छोड़ कभी गया नहीं। 


ये दुःख भी बहुत जरूरी है

जो सुख को परिभाषित करता है

बिन दुःख के सुख का मूल्य नहीं ,

जो सुख का अनुभव कराता है |


में सुखी खुद को समझाता  हूँ

जो दुःख मेरे संग रहता है

में इसको खूब समझाता  हूँ ,

ये मुझको खूब समझता है । 


 मैंने अब इससे दोस्ती कर ली

ये मुझको प्यारा लगता है

ये नहीं रहता जब पास मेरे  ,

कुछ खाली खाली लगता है  


दोस्तों सच पूछो तो 

दुःख मेरा सच्चा साथी है

मेरे सारे संगी छूट गए ! 

बस इसकी यारी बाकी है। 


ये सुख मुझे ख़ुशी क्या देगा ,

जब दुःख का पलड़ा भारी है ।


MisVi Poetry


Friday, November 05, 2021

अयोध्या। सियाराम कथा। AYODHYA | SIYA RAM KATHA | DIWALI IN AYODHYA


अयोध्या- सियाराम कथा












हुआ राम सीता का ऐसा मिलन !

देख कर रह  गए सब उनको मगन । 

रूप का एक सागर  माँ जनक नंदनीं 

और कमल नयन अपने  श्री राम जी । । 


हुआ ब्याह राम जी का सीता के  संग 

पर संजोग ऐसा , मिला चौदह साल का वन !

सिया राम संग लक्ष्मण भी वन को चले । 

छोड़ कर मोह , माया और अयोध्या को तज  । । 


रोते बिलखते सभी वियोग में रह गए ,

 रघुपति  पर अपने वचन से न डिगे । 

किया पालन माँ की आज्ञा का जो ,

फिर न किया संकोच किसी बात को । । 


आयी बिपदा बड़ी ही वनवास में ,

देखा रावण ने मैथिलि  को जब कुटिया में  । 

धरा रूप भिक्षु का तब दुष्ट ने ,

अपहरण किया देवी का दशानन ने  । ।  

 
 अंत को अपने खुद लंकापति  ने न्योता दिया ,
 
श्री राम की महिमा को जो अनदेखा किया  । 


 राम सन्देश बैदेही  को श्री हनुमन ने दिया 

राघव  की मुंदरी को माँ  तक पंहुचा दिया  । 

पा के मुंदरी माँ सिय प्रस्सन  हो  गयी ,

हाल सुनके श्री राम का भाव विभोर हो गयी  ।  । 


वनवास में भक्त हनुमान , श्री राम से मिले ,

और भक्तो में प्रभु के परम भक्त  हो  गए  । 

बानर सेना ने नामुमकिन को मुमकिन किया ,

और समुद्र में भी  राम सेतु बना दिया  ।  । 


जो बोया रावण ने वो उसे काटना पड़ा ,

अपनी सोने की लंका को खोना पड़ा  । 

पायी मुक्ति , जो प्राण प्रभु ने हरे !

अन्याय को न्याय के आगे पछताना  पड़ा  ।  । 


घमंड रावण का आखिर टिक न सका 

और बुराई को भलाई के आगे झुकना पड़ा  । 

विभीषण  लंका का राजा बना ,

साथ देके प्रभु का वो भी तर गया  ।  । 


राह तकते जिनकी आँखे थकी 

जानकी माँ उनसे मिलने  चली ,

राम प्रभु भी सीता की ओर चले 

मिलने की ख़ुशी अपने मन में लिए । । 


कारवां चल दिया फिर अयोध्या की और 

फहराता रहा पताका श्री राम चारो और  । ।  । 

घर - घर दीप जले और मनी दिवाली ,

हर चेहरे पे आयी एक मुस्कान पुरानी  । । 


समाप्त  हुआ अयोध्या नगरी का इंतज़ार यहाँ ।  । 

जब सियाराम सियाराम हरसू होने लगा । । ।  । 

 
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 सियाराम

  


Thursday, November 04, 2021

हमसफ़र # HAMSAFAR

 हमसफ़र










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ओस की बूंदों जैसे 

पहले प्यार की खुशबू जैसे 

इंद्रधनुष के रंगों जैसे 

कोई दुआं क़ुबूल हो जैसे 

ऐसी है तेरी मुस्कान 

हमसफ़र मेरे , 

तू मेरा है अभिमान।। 



Tuesday, November 02, 2021

बचपन की राहें ( हिंदी कविता ) | Childhood Memories | Missing Childhood # बचपन की यादें # LIFE OF CHILDHOOD


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बचपन की राहें









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कोई बता दे इस दिल को कैसे अब में सँभालू 

फिर कैसे इसको कैद करूं फिर कैसे इसको मना लूं  


कैसे पूरी करूं यह ख्वाहिश फिर से बचपन जी पाने की

फिर से गुड्डी गुड्डू के संग रेत के महल बनाने की   


फिर वापिस उन गलियों में जाके खो जाने की

और दिन भर खेल खेल के वापिस थक के सो जाने की   


बचपन की राहें पीछे छूटीं सब चेहरे अब अनजाने हैं 

जो जाने पहचाने लगते थे अब बस वो अफ़साने हैं   


फिर भी दिल को समझाती हूँ के समय हैं पीछे छूट गया 

तू आज भी छोटा बच्चा है जब तेरा बचपन बीत गया 


अब भूल जा सारी यादों को जो सिर्फ तुझे याद आती है 

आ जिले अब इस पल को जिसमें जीवन बाकी है      

Sunday, October 31, 2021

चाँद - रात का साथी | CHAND - RAAT KA SAATHI | Hindi Kavita


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चाहू चाँद में तुझे चुरा लू ..

दुनिया की नज़रों से  तुझको छुपा लू !

देदू इतना प्यार तुझे मैं 

धरती और अम्बर की दूरी मिटा दू !


इतनी बातें तुझसे करलू !

रात का तुझको साथी चुन लू  !

साथ में तेरे मिलके  ऐ चाँद 

दुनिया की मैं  सैर करलू !


चाँदनी को तेरी  अपना गहना बना लू !

शीतलता को अपने मन में बसा लू !

मान लू अपना  चाँद  🌛  तुझे मैं 

और तुझको अपने माथे  🌙 पे सजा लू !! 

चाँद - रात का साथी









Thursday, October 28, 2021

फिर कह दो .. | Fir Keh Doo | Sad Poetry On Love

फिर कह दो













एकबार फिर कह दो ...

जो झूठ है , वही कह दो ...

साथ छोड़ा है  तुमने ही !

पर दोष हमें दे दो !! 


एकबार फिर कह दो ...

रिश्ता क्या है ? कह दो ...

तुमसे निभाया न गया !

साथ हमने छोड़ा .. कह दो !!


एकबार फिर कह दो ...

हम गलत है ! कह दो ...

तुमसे जो की .. उम्मीद !

उसकी सज़ा दे दो !!

        ********

Kindly watch Short video On FIR KEH DO 





Tuesday, October 26, 2021

पतंग | हिंदी कविता | PATANG | Poem on Kite

पतंग


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बीती है जो तेरे संग 

जीये  है बस वही पल 

यादें है  उन्ही लम्हों की 

जब थी पतंग डोर  के संग !


हर दिन एक नयी कहानी थी 

आस्मां से ऊपर पतंग उड़ानी थी 

थे आकाश में फैले हुए 

बस  रंग प्यार के बिखरे हुए !


वो भी क्या रंगीन शाम थी 

डोर हाथ में और पतंग तेरे नाम की 


एक डर था मुझे  कहीं पतंग न कट जाये 

डोर रहे  बस हाथ मेरे 

और , तू आंखों से ओझल हो जाये  !


Sunday, October 24, 2021

प्रिय -हिंदी कविता #Poetry On Valentine's Day

प्रिय- Love Poetry

 


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क्यों न प्यार करले  ऐसे मौसम  में  

है सबकुछ भुला दिया तेरी चाहत ने 

मिले जबसे तुम कोयल कुहकने लगी 

हर डाली पे  कलियाँ हैं खिलने लगी। 


उम्मीद की किरण फिर जगने लगी 

तेरी संगत से  दुनिया बदलने लगी 

ये चाँद  और खूबसूरत लगने लगा  

चांदनी भी अपनी  बरसाने लगा 


उल्लास ज़र्रे ज़र्रे  में दिखने लगा 

मन उपवन फूलों सा  महकने लगा 

अब तो आइना भी  तेरी सूरत दिखाने लगा 

और  बड़ा सा  दिन  छोटा लगने लगा


क्यों न प्यार करले  ऐसे मौसम  में  !

ये समां मुझे  अपने प्रिय से मिलाने लगा !

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