क्या लिखू |
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नीँद नहीं आ रही कोई बताये मैं क्या लिखू ?कुछ ठीक नहीं है कोई बात नहीं है
मन करता हैं लिख दू सबकुछ
जो मेरी आप बीती है
पर कुछ मज़ा नहीं है कुछ नया नहीं है
है मिला एक नया दर्द मुझे,
जिसने है सोता जगा दिया मुझे
अब डर लिखू बेचैनी लिखू
ये मर्ज़ पुराना क्या लिखू
एक तेरी ही चर्चा होती है
जब कोई मुझे मिल जाता है
क्या कहु और क्या नहीं कहु
यही ज़िक्र पुराना क्या लिखू