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Friday, September 17, 2021

तेरे संग (हिंदी कविता ) * TERE SANG

 तेरे संग

   



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  ** तेरे संग **

विश्वास नहीं दिला सकते 

जो सच है उसे झुठला नहीं सकते

निकाल कर  देदे अगर जान अपनी 

तो भी तेरे प्यार की कीमत चुका नहीं सकते 


अपनी  दूरियों का हिसाब लगा नहीं सकते 

क्या - क्या नाम मिले  तेरा होके  बता नहीं सकते  

तुमसे  ही तुम्हारे जाने की शिकायत करनी है 

पर तुमको अब वापिस बुला नहीं सकते 


कह सकते  तो बस इतना कहते 

इन  फ़ासलो  को कम करते 

तुम साथ देते अगर 

तो आज हम संग होते है

 

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