एक बोझ दिल पे लिए
जी ली है ज़िन्दगी
मिलेंगे फिर कभी ये सोचके
जी ली है ज़िन्दगी
अलविदा कहके कभी
देखा नहीं मुड़के
सलाम को सलामती समझ
जी ली है ज़िन्दगी
आखिरी दीदार ए सूरत
याद है मुझको
जो सोचा नहीं कभी
वो हक़ीक़त देख ली हमने
मिला न फुर्सते सुकून कभी
जो हाले दिल कहते
बस आज कल के इंतज़ार में
जी ली है ज़िन्दगी
मिलाया तुमसे खुदाया
है रहमते उसकी
हाँ नाज़ करते तुमपे
जी ली है ज़िन्दगी