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Friday, July 16, 2021

शरण



 

            





शरण

है यकीं तुझपे बहुत *
तू मेरा विश्वास है !

तेरे सजदे में सर झुकता ,
तू मेरा अभिमान है !

क्या होगा आगे, सब तुझको पता !
मेरा तो बस किरदार है !

तेरी शरण में आके भगवन *
अब  जीना आसान है ||
                      

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