आ , भीगे जमके बारिश में
भूलके सारी.. दुनियादारी
आ जी ले इस मौसम में।
मयूर हुआ ये मन मेरा
रूप और ये निखर गया
रिम झिम फुआरों में प्रीतम
दिल अपना ये तुमको दिया ।
मेघ भी देखो.. बरस रहे चेहरों पे छिटकी मुस्कान
हो गया सब जल मगन
अब तो आजा, तू भी साजन ।
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मेघ भी देखो.. बरस रहे चेहरों पे छिटकी मुस्कान
आज नहीं तो कल बनेंगे मेरे बिगड़े काम भोलेनाथ पे विश्वास मुझे है वो सुनते मन की बात देर है पर अंधेर नहीं जाने सब संसार परम पिता परमेश्वर ...