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Wednesday, September 04, 2024

Ankylosing Spondylitis |अचलताकारक कशेरूकाशोथ | कमर अकड़ जाना जोड़ो की अकड़न | 4TH MAY ANKYLOSING SPONDYLITIS DAY |एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस

Ankylosing Spondylitis


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एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस या फिर कमर अकड़ जाना जोड़ो में दर्द होना 

एक इंफ्लेमेटरी और ऑटोइम्यून बीमारी है। 

जो हमारे कमर ,हिप्स ,कंधे,गर्दन , एंकल के आस पास और रीढ़ की हड्डी 

को प्रभावित करती है। 


रीढ़ की हड्डि में अकड़न या ऐंठन रहना  इसका अहम् लक्षण है 

इसमें रीढ़ की हड्डी आपस में जुड़ने लगती है जिसकी वजह से 

हमें रोज़मर्रा के कार्य करने में काफी दर्द और दिक्कत होती है। 


यह एक दर्ददायक रोग है जिसकी जांच आसानी से नहीं हो पाती

इसमें रोगी अक्सर अपनी बीमारी को समझ नहीं पाता और हड्डियओं के 

या अन्य डॉक्टर को दिखाता रहता है। 

हालांकि इसका उपचार सिर्फ रहुमोटोलॉजिस्ट (Rheumatologist) डॉक्टर के पास है।  

सही समय पर इलाज कराने से आप दर्द से और अपने शरीर को उसके 

आसन या दशा के ख़राब होने से बचा सकते है। 


एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस होने का अभी तक कोई कारण नहीं पता चला है 

हाँ , इसके होने के अनुवांशिक कारण प्रतीत होते हैं

जिन लोगों के ब्लड टेस्ट में  HLA-B27 नामक जीन होता है 

उन लोगो में एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस होने की सम्भवना अधिक होती है

हालांकि, जीन वाले कुछ ही लोगों में यह बीमारी होती है।


एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस का पता कराने के लिए डॉक्टर आपको ब्लड टेस्ट, X-RAY   या फिर MRI   को कह सकते है 

अधिकतर मरीज़ों के लक्षण से ही इस मर्ज़ का ज्ञांत हो जाता है। 

अभी तक इस बीमारी कोई उपचार नहीं है,  

हाँ - पर सही समय पर दवाई लेने से आप दर्द से  निजात पा सकते है 

और इस रोग को बढ़ने से रोक सकते है।

 

रोज़ व्याम और अपनी जीवन शैली में सुधार करने से आप इस  बीमारी को कम या बढ़ने से रोक सकते है 

अपने खाने पीने की आदत में सुधार करने से जैसे की धूम्रपान ना  करना 

खट्टी चीज़ें जैसे दही , निम्बू और इमली से परहेज़ करना

सब्ज़िया जैसे की बैगन, भिंडी, छोले, गोभी अथवा सभी बादी सब्ज़ियों से परहेज़ करना 

खाने में फल, अंकुरित आहार और नट्स ले अथवा अधिक पानी पिए

सहजन, अदरक हल्दी मेथी सोंठ  का सेवन भी काफी लाभदायक है। 


यह एक वात रोग है इसमें आपका शरीर अधिक शुष्क हो जाता इसलिए नियमित अपने शरीर पर 

जिस हिस्से में दर्द है तेल से मालिश करे 

खाने में अधिक सूखा और ठंडा भोजन लेने से बचे जितना हो सके ताज़ा भोजन करे 

खाने में अच्छे तेल का सेवन करे इसमें सरसों अथवा तिल का तेल अधिक लाभदायक है 

सहजन, अदरक हल्दी मेथी सोंठ  का सेवन भी काफी लाभदायक है

आयुर्वेद में आप वातारी चूर्ण अथवा निर्गुन्डी भी ले सकते है- पतंजलि के चिकत्सक से परामर्श करके । 


दोस्तो, 

डॉक्टर की सलाह और दवाई दोनों ही ज़रूरी है इसलिए किसी भी लक्षण को अनदेखा न करे 

जोड़ो में दर्द, सूजन, अकड़न, बुखार या अत्यधिक थकान या कोई भी असामान्य अनुभव लगे तो तुरंत 

डॉक्टर से परामर्श करे और अपनी काया को बीमारियूं से मुक्त करे। 


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