![]() |
श्री राधे कृष्णा |
*****************************************
सागर है नयन
मुख में ब्रह्माण्ड
अधरों पे रहती है मुस्कान
सृष्टि के रचयिता
हो कृष्णा तुम तो
प्रभु ! मैं तेरे चरणों की रज समान
Hello Friends, you will find variety of Melodious & a Imaginative Poetries like Friendship, Love, First Meet, Memories, Desires, Happiness, and Many More On my Blog. Themisvi.com .
Life इम्तिहान है ये कैसा एहसास है के दर्द भी अब रास है बोझल है आँखें थकान से न जाने किसकी आस है कह रही है झुकते उठते खुद से ही ऐतराज़ ह...