Kehta Hai Dil |
आना है लौट के तुझे कहता है मेरा दिल
ऐसी कोई राह नहीं जिसकी नहीं मंज़िल
रहना है तेरे साथ ही कहता है मेरा दिल
ऐसी धरती नहीं कहीं जिसका आस्मां नहीं
प्यार है तुझसे ही कहता है है मेरा दिल
ऐसा कोई हृदय नहीं जिसमे बसता कोई नहीं
है उमीदे तुझसे ही कहता है मेरा दिल
ऐसी कोई रात नहीं जिसकी होती सुबह नहीं
इंतज़ार है तुझको भी कहता है मेरा दिल
ऐसा कोई शख्स नहीं जिसको मोहब्बत नहीं ।।