ज़ज़्बात - हिंदी कविता * JASBAAT - HINDI KAVITA ON FEELINGS OR ACCEPTATIONS |कभी बिन कारण भी मिलो हमसे
ज़ज़्बात ************** कभी बिन कारण भी मिलो हमसे ! जब कुछ कहना न हो, कोई बात न हो तब भी ..बातें होंगी तुमसे , जब हमारे पास - कोई बात न हो। साथ तेरे - रहना ही काफी है अगर तेरा - कोई बहाना न हो। हम बिन - बोले भी रह लेंगे , बस तू - ज़ज़्बात समझने वाला हो। कुछ दिन, कुछ पल और कितने साल.. बिन तेरे - कैसे दिन बिते यार ! है कुछ भी ..मुझको नहीं याद ! बस तू याद.. दिलाने वाला हो। क्या है ? कौन है ? और कैसा है ? क्या इन सवालों का जवाब है ? तू आके ..कह दे एक बार , के तू * साथ निभाने वाला है।। By Vinita