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Thursday, November 11, 2021

सुबह की चाय | Morning Tea | Short Poetry

 सुबह की चाय

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ये उगती सी धूप

महके से गुलाब

धीरे से कहना ,

कैसे है आप ?

बस यही है मेरे लिए 

सुबह की चाय , जनाब !!



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