सुबह की चाय |
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ये उगती सी धूप
महके से गुलाब
धीरे से कहना ,
कैसे है आप ?
बस यही है मेरे लिए
सुबह की चाय , जनाब !!
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गोपाला प्रभु नाम थारो गोपियन की मटकी तोड़ डारो माखन देख तोरा जी ललचाए नटखट कन्हैया बाज़ न आये आंख मिचोली मैया के संग रात दिन उनको सतायु ऐसो छल...