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ये सादगी जो मन मोह लेती हैक्या आना होगा कभी
जो सड़के रुख मोड़ लेती है
क्या पता छोटी है ज़िन्दगी बड़ी
मिल जाओ तुम भी कही
क्या पता फिर चर्चा हो तेरे नाम का
क्या पता फिर चर्चा हो तेरे नाम का
और बयान हो हाल फिर अपने हाल का
फिर चले हम किसी नए सफर पे
जीवन की इस लम्बी डगर पे
फिर शुरू एक नया सिलसिला रहे
फिर शुरू एक नया सिलसिला रहे
मुझे तुझसे और तुझे मुझसे
फिर कोई भी जुदा न करे।