krishna Bhakti |
तेरी राह पे जबसे है चल पड़े !
बस कदम मेरे तेरी और बढ़े ।
कोई पूछे अगर के जाना कहाँ ?
कह दू वृन्दावन मैं धाम तेरा ।
है कैसी कशिश तुझमे ये तो बता ?
ध्यान रहे तुझपे क्यू मेरा सदा !
देखती तुझको मैं रह जाऊ !
सौंप तुझको सब निश्चिन्त हो जाऊ ।
लीन हो जाऊ तेरी भक्ति में मैं ,
और इंद्रधनुषी रंगो में तेरे रंग जाऊ ।
मन चाहे तेरी शरण में रह जाऊ !
बनु रज तेरे चरणों की और तर जाऊ । ।