Pls Listen Mrigtrishna ( Reality Of Life ) to experience more realistic poetry by single click on below Image .
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कभी यूँही ख्याल आया तेरा
सामने कोई न था
पर चेहरा नज़र आया तेरा
क्या बात है क्या यही प्यार है ?
तू नहीं फिर क्यों ?
तेरी मौजूदगी का एहसास है।
जानते है एक आवाज़ है
जो मेरे लिए खास है
और कुछ नहीं बस एक पुराना साज़ है
कहते है मोहब्बत अधूरी है !
क्या सच है ?
जो न मिले शायद उन्ही की पूरी है
क्यों हैरान है ? ज़िन्दगी एक प्यास है
यहाँ कुछ मृगतृष्णा नहीं
एक खूबसूरत रेगिस्तान है !