Pls Listen MAGAN DHUN to experience more realistic poetry by single click on below Image.
*** मगन धुन ***
चल तेरे साथ चलें।
थोड़ा करके श्रृंगार चले ,
फिर अपना आँचल लहरा के चले।
माथे पे बिंदिया सजाके चले ,
चल तेरे साथ चले।।
थोड़ा करके श्रृंगार चले ,
फिर अपना आँचल लहरा के चले।
माथे पे बिंदिया सजाके चले ,
चल तेरे साथ चले।।
फिर सबकुछ हम भूला के चले ,
सारे ज़ख्मो को अपने छुपा के चले।
मुँह में पान दबा के चले ,
फिर तुझको थोड़ा रिझा के चले।
चल तेरे साथ चले।।
अपनी पूरी मस्ती में चले ,
आंखों में तुझको छुपा के चले।
फिर दिल अपना हम लुटा के चले ,
तुझ को तुझसे ही चुरा के चले।
चल तेरे साथ चले।।
तोड़ते सारे दायरों को चले ,
अपना हम तुझको बना के चले ।
आसमा को कदमो में लाके चले ,
चल तेरे साथ चले ।।
करलू पूरी अपनी मनमानी ,
छोड़ू पीछे दुनियादारी ।
फिर अपनी मगन धुन में चले ,
चल तेरे साथ चले ।।