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क्या नाम दू तेरे रिश्ते को मैं
जो पूरा तो है पर अधूरा ही रहे
तय करना है सफर मुझे तेरे संग ही
जो पूरा तो है पर अधूरा ही रहे
तय करना है सफर मुझे तेरे संग ही
पर राह तेरी मेरी राह से अलग ही रहे |
है सब कुछ तेरे मेरे दरमिययाँ फिर भी
है सब कुछ तेरे मेरे दरमिययाँ फिर भी
ये रिश्ता अपना बेनाम ही रहे !