गोपाला प्रभु नाम थारो
गोपियन की मटकी तोड़ डारो
माखन देख तोरा जी ललचाए
नटखट कन्हैया बाज़ न आये
आंख मिचोली मैया के संग
रात दिन उनको सतायु
ऐसो छलियौ छैल छबीलो
हर कोई तोको नज़र लगायौ
बालों में है मोर पंख को
नैनन में तोरे कजरा सुहायो
छोटे से मुख में ब्रह्माण्ड दिखत है
कैसे कोई तोको जान पायो
राधा संग तोरी प्रीत पुरानी
गोपियन संग रास रचयओ
ऐसी लीला कान्हा तोरी
सुनत कहत मोरा दिन ढल जायौ