झूठी.. एक उम्र गुज़ार दी ,
जो ना थी खबर.. वो छाप दी।
कहने को तो.. हम सब कुछ थे ,
पर फिर भी.. तेरी रजा जान ली।।एक आस में हम - रह गए ,
तेरा दर्द शायद - सह गए
आंखें खुली तो, ज्ञात आया ।
बस धोखा, ही हाथ आया ।।
Hello Friends, you will find variety of Melodious & a Imaginative Poetries like Friendship, Love, First Meet, Memories, Desires, Happiness, and Many More On my Blog. Themisvi.com .
झूठी.. एक उम्र गुज़ार दी ,
जो ना थी खबर.. वो छाप दी।
कहने को तो.. हम सब कुछ थे ,
पर फिर भी.. तेरी रजा जान ली।।एक आस में हम - रह गए ,
आंखें खुली तो, ज्ञात आया ।
बस धोखा, ही हाथ आया ।।
हे भोलेभंडारी त्रिपुरारी तुम हो जटाधारी हाथ में त्रिशूल और माथे पे चंद्र नंदी का साथ और सापों का संग पल भर में मान जाते ऐसे भगवन रूद्र रूप...