दरमियाँ -Between Eyes |
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है कौन एक तेरा सिवा
उसपे भी तू दूर है !
क्या कह के दिल को समझाए
जो तुझसे मिलने को मजबूर है !
रोज़ दिलासा देते है
मिलना होगा ज़रूर कहते है
पर सच तो दिल भी जानता है
मेरे झूठ को भी पहचानता है !
बस एक गुज़ारिश तुझसे है
मेरे भ्रम को भरम ही रहने दे
जो दूरी तेरे मेरे दरमियाँ है बनी
उन्हें आँखों के बीच ही रहने दे ।