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मात पिता है संसार जिनके
बुद्धि के देवता जिन्हे सब कहते
खाते जो मोदक मिष्ठान
मूषक की सवारी करते गणराज
वही तो हैअपने गणपति महाराज
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मात पिता है संसार जिनके
बुद्धि के देवता जिन्हे सब कहते
खाते जो मोदक मिष्ठान
मूषक की सवारी करते गणराज
वही तो हैअपने गणपति महाराज
आज नहीं तो कल बनेंगे मेरे बिगड़े काम भोलेनाथ पे विश्वास मुझे है वो सुनते मन की बात देर है पर अंधेर नहीं जाने सब संसार परम पिता परमेश्वर ...