Hindi POETRY ON BREAK-UP |
********************************
POETRY ON BREAK-UP |
***********************************************
मेरा दिल अब टूट चुका है
तेरी बातों से रूठ चुका है !
तेरे रोज़ नए अफ़साने सुन
मेरा मन अब ऊब चुका है ।
हर बात पे तेरी संशय है
प्यार से बड़ा क्या गम है !
हर रोज़ रूठने मनाने से
मेरा दिल अब थक चुका है
हर दिन एक नया बहाना है
अब हमने पहचाना है !
थोड़ी तो मोहब्बत सच्ची है
पर उसमे भी खुदगर्ज़ी है
न कोई शिकायत तुझसे है
न ही कोई वास्ता रहा है !
तेरी हर नादानी पे
अब मुझको ऐतराज़ हुआ है ।
यार मेरे मैं तेरे सदके
ख़तम किये सब अपने रिश्ते !
होगी अब शुरुवात नई
तेरी राह से मिलती मेरी राह नहीं ।।