इज़हार |
यूँ ही राहों में मिल गया कोई
अधूरी कहानी को पूरा कर गया कोई
एहसास न था के कितने अकेले है हम
दो कदम साथ चल के ये जता गया कोई !
अपनी खूबसूरती से तो वाकिफ न थे हम
आँखों में आँखें डाल शीशा दिखा गया कोई !
अच्छा समय बिता साथ रह के जिसके
उसी वक़्त का इंतज़ार सीखा गया कोई !
प्यार होता है क्या निभाते है कैसे ?
इज़हार करके निभाना सीखा गया कोई !
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