वही शाम - Memories |
चली है फिर तेरे यादो की आँधी***************************************
और साथ ले आयी वही शाम पुरानी
और तेज़ हो गयी ये धड़कने हमारी
फिर कैद कर लिया तेरे साये ने मुझको
और तेज़ हो गयी ये धड़कने हमारी
रह गए सब अरमान सीने में दबकर
साथ रह गयी है बस कहानियां हमारी
फिर पुकारा है किसी ने नाम से तुम्हारे मुझको
है अब तुम्हारे नाम से ही पहचान हमारी।