हे भोलेभंडारी त्रिपुरारी
तुम हो जटाधारी
हाथ में त्रिशूल और माथे पे चंद्र
नंदी का साथ और सापों का संग
पल भर में मान जाते ऐसे भगवन
रूद्र रूप तेरा अति प्रचंड
हो भोलेनाथ प्रभु भक्तन की आस
कृपा करो इतनी रहु तेरा दास
परम पिता परमेश्वर देवो के देव
हे भोलेभंडारी त्रिपुरारी
मैं तेरे कदमो की रज
मेरा ये जीवन
प्रभु तुझको अर्पण।
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