Tuesday, October 31, 2023

क्या अब भी इम्तिहान है ! #Hindi Poetry on life

Life  इम्तिहान है 











ये कैसा एहसास है

के दर्द भी अब रास है 

बोझल है आँखें थकान से

न जाने किसकी आस है 


कह रही है झुकते उठते 

खुद से ही ऐतराज़ है

छलावे की ज़िन्दगी में  

किसपे ऐतबार है  !


मूँद ली ऑंखें अब

दीखता सबकुछ साफ़ है

क्यू होगा अब उज्र किसी से

हम भी तो नादान है 


चल रहे है भेड़ चाल 

ये भी कहा आसान है

कलेजा रख दिया निकाल के

क्या अब भी इम्तिहान है !


Monday, October 30, 2023

सफर ऐ ज़िन्दगी में ठहराव नहीं है - Hindi poetry On Life

सफर ऐ ज़िन्दगी











एक ही जनम में जी ली है कई बार 

सफर ऐ ज़िन्दगी में ठहराव नहीं है


बिता हुआ मंज़र है आँखों के सामने 

बढ़ चुके है आगे मगर ऐतबार नहीं  है


रुकू किसी मोड़ पे तो सवाल है कई  

भागते है खुद से या पहचान नयी है 


क्या खो दिया है हम भी कभी जान न सके 

तलाशती आंखों को कई बार जुगनू दिखे 


कहना तो कुछ नहीं है एक शिकवा है ज़रा 

क्यू किराये की ज़िन्दगी में एहसान बहुत है 

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