श्री राधे कृष्णा |
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सागर है नयन
मुख में ब्रह्माण्ड
अधरों पे रहती है मुस्कान
सृष्टि के रचयिता
हो कृष्णा तुम तो
प्रभु ! मैं तेरे चरणों की रज समान
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गोपाला प्रभु नाम थारो गोपियन की मटकी तोड़ डारो माखन देख तोरा जी ललचाए नटखट कन्हैया बाज़ न आये आंख मिचोली मैया के संग रात दिन उनको सतायु ऐसो छल...
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