****************************************
क्या कहु तुमसे
तुम्हे सब पता है
बिन बोले सब जान लो
तुम में वो कला है
तेरा ही जीवन
प्रभु तेरी ही साँसे
है संपर्पण तुम्ही को
मेरी तो पहचान तुम्ही हो
करू सेवा भक्ति
मैं निष्ठां से तेरी
कृष्णा, कृपा करो ऐसी
जिसमे भलाई हो सबकी
**********************************
No comments:
Post a Comment