Friday, March 10, 2023

दुल्हन #Dulhan #Hindi Poetry On Bride #Wedding Day # Hindi Poetry On marriage

दुल्हन









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सजाया है आज खुद को मैंने 

पिया तेरे इंतज़ार में

सुरमा है चंचल रात की स्याही 

मांग सजे है प्यार की निशानी 

ओढ़ ली है धानी चुनरिया

अंगिआ जैसे रेशम केसरिया

पैरों में है आलता बिछिया

और माथे पे चमके  बिंदिया

कलाई भरी है गुलाबी चूड़ियाँ

कानो में दमके है झुमकियां 

मुख चमके जैसे पूनम का चाँद

नथ में मोती जड़े तमाम

छागल ने अब किया है शोर

दुल्हन चली अब पी की और 

करके सोलह श्रृंगार सजन

खाई सातो जन्म की कसम 

और बंध गए पवित्र बंधन में हम 

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