******************************************
ॐ गन गणपतये नमो नमः
ॐ श्री गणेशाय नमः
ॐ लम्बोदराय नमः
ॐ गणेशाये नमः
Hello Friends, you will find variety of Melodious & a Imaginative Poetries like Friendship, Love, First Meet, Memories, Desires, Happiness, and Many More On my Blog. Themisvi.com .
******************************************
ॐ गन गणपतये नमो नमः
ॐ श्री गणेशाय नमः
ॐ लम्बोदराय नमः
ॐ गणेशाये नमः
***************************************
तुमसे मिलना एक बहाना था
जिंदगी को तुमसे मिलाना था
एक अनमोल रिश्ता निभाना था
जिसे मेरा जीवन महकाना था
दुःख है ! एक कहानी ख़तम हुई
अफ़सोस ज़िन्दगी रूठ गयी
क्या खबर थी मेरे साथ न तू होगा
पर जो तोहफा दिया तूने
वो तुझसे बढ़ कर होगा !
बाल श्रम |
*******************************************************
छीन कर मासूम बचपन
देदी गरीबी ने जिम्मेदारी
खिलोने से खेलने की उम्र में
नियुक्त हुए है बाल कर्मचारी
गरीबता भी अभिशाप है
मार जिसकी सहनी पड़ती
दो वक़्त की रोटी के लिए
दिनभर की दिहाड़ी करनी पड़ती
प्यार और दुलार मिलना है जिनको
दुत्कार उनको मिल रही
कैसी परिस्थिति है जिसमे
वक़्त से पहले बचपन और जवानी ढल रही
आय, असमानता, शिक्षा की कमी
बड़ा परिवार और कृषि की कमी
कारण है ये बाल श्रम के
भुक्तना जिसे 14 साल से कम उम्र को पड़े
कम पगार सुविधाएं कम
मन मर्ज़ी का काम, सवाल कम
छोटा कद, कंधो पे वजन भारी
कुपोषण का शिकार है परिश्रमकारी
शिक्षा और जागरूकता का आभाव
व्यसायिक और नियुक्ताओं की कमी
कानून और उसके दंड को है समझाना
बाल श्रम का है बहिष्कार करना
अचरज है ये देख के
देश आज भी गुलाम है
बांध के आँखों पे पट्टी
इंसान बन रहा महान है।
श्री गणेशा |
********************************************
जय गणेशा .....
तुम्हे नमन हमेशा
मेरे दुःख सुख में
साथ रहना हमेशा
जब पथ भटकू
राह दिखाना
मुश्किल समय में भी
साथ निभाना
विघ्नों को हरना
हे विघ्नहर्ता
करुणा कृपा को अपनी
हरदम बरसाना
अकेला न करना
प्रभु कभी मुझको
हमेशा अपने तुम
साए में रखना
ये जीवन तो है प्रभु देन तुम्हारी
मुझको अपनी सेवा में रखना l
Short Video On Shri Ganesha
दुल्हन |
**********************************
सजाया है आज खुद को मैंने
पिया तेरे इंतज़ार में
सुरमा है चंचल रात की स्याही
मांग सजे है प्यार की निशानी
ओढ़ ली है धानी चुनरिया
अंगिआ जैसे रेशम केसरिया
पैरों में है आलता बिछिया
और माथे पे चमके बिंदिया
कलाई भरी है गुलाबी चूड़ियाँ
कानो में दमके है झुमकियां
मुख चमके जैसे पूनम का चाँद
नथ में मोती जड़े तमाम
छागल ने अब किया है शोर
दुल्हन चली अब पी की और
करके सोलह श्रृंगार सजन
खाई सातो जन्म की कसम
और बंध गए पवित्र बंधन में हम
********************************************
आज नहीं तो कल बनेंगे मेरे बिगड़े काम भोलेनाथ पे विश्वास मुझे है वो सुनते मन की बात देर है पर अंधेर नहीं जाने सब संसार परम पिता परमेश्वर ...