Tuesday, January 03, 2023

ऐतराज़ - अब ये दिल टूट चूका है | Hindi POETRY ON BREAK-UP | MOVING AHEAD IN RELATIONSHIP

Hindi  POETRY ON BREAK-UP 









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POETRY ON BREAK-UP





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मेरा दिल अब टूट चुका है 

तेरी बातों से रूठ चुका है  !

तेरे रोज़ नए अफ़साने सुन 

मेरा मन अब ऊब  चुका है । 


हर बात पे तेरी संशय है 

प्यार से बड़ा क्या गम है  !

हर रोज़ रूठने  मनाने से 

मेरा दिल अब थक चुका है 


हर दिन एक नया बहाना है

अब हमने पहचाना है  !

थोड़ी तो मोहब्बत सच्ची है 

 पर उसमे भी  खुदगर्ज़ी  है 


न कोई  शिकायत तुझसे है 

न ही कोई वास्ता रहा है !

तेरी हर नादानी पे 

अब मुझको ऐतराज़ हुआ है । 


यार मेरे मैं तेरे सदके 

ख़तम किये सब अपने रिश्ते  !

होगी अब शुरुवात नई 

तेरी राह से मिलती मेरी राह नहीं ।। 

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