Wednesday, December 07, 2022

तस्सुवर | ख्याल | सपना | Sad Hindi Poetry On Love , Dream & Trust


Memories - यादें


















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ऐसे ही तेरी यादों में खुद को भुला रहे है

मुरझाये हुए फूलों को फिर से खिला रहे है

जानते है इंतज़ार करना है फ़िज़ूल मेरा 

फिर भी तेरे तस्सुवर में जिए जा रहे है 


झूठी उम्मीद पे तेरी हो गया है यकीं 

जिसे सच मान दिल को बहला रहे है 

अँधेरी रात में चाँद भी है सो गया 

और तेरी राहों में हम दीपक जला रहे है    


जानते है फरेब है , धोखा ये किस्मत का है 

सपना तो सुंदर है लेकिन 

क्यों अंत में इसको टूटना है ? 

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