हो बेटियो से पूरा परिवार
जीने का इनको भी अधिकार
प्रण करलो देना है जीवनदान
दो शिक्षा का इनको भी ज्ञान ।
किस्मत से तो मिलती बेटी
दान किये होंगे कहीं मोती
घर अंगना में चहकती रहती
अपना और परिवार का ध्यान रखती ।
माँ की सहेली और पिता की शान
पढ़ -लिख कर रोशन करे नाम
सूंदर सुशील सभ्य और सूंदर
अपने घर का है अभीमान ।
अब नहीं फरक बेटा-बेटी में
दोनों ही है एक समान
किसी से किसी की तुलना नहीं
दोनों ही है अपनी संतान।
निस्वार्थ प्रेम और सेवा भाव
कर्मठ और सहनशील स्वाभाव
एक रूप में कई रूप है जिसके
बेटियां है ईश्वर का वरदान ।