Thursday, January 06, 2022

कहता है दिल | Hindi Poetry on Love , Acceptations & Waiting Period In Love

Kehta Hai Dil








आना है लौट के तुझे कहता है मेरा दिल 

ऐसी कोई राह नहीं जिसकी नहीं मंज़िल  


रहना है तेरे साथ ही कहता है मेरा दिल

ऐसी धरती नहीं कहीं जिसका आस्मां नहीं 


प्यार है तुझसे ही कहता है है मेरा दिल

ऐसा कोई हृदय नहीं जिसमे बसता कोई नहीं  


है उमीदे तुझसे ही कहता है मेरा दिल

ऐसी कोई रात नहीं जिसकी होती सुबह नहीं 


इंतज़ार है तुझको भी कहता है मेरा दिल

ऐसा कोई शख्स नहीं जिसको मोहब्बत नहीं  । 

7 comments:

  1. उमीदे तुझसे ही कहता है मेरा दिल

    ऐसी कोई रात नहीं जिसकी होती सुबह नहीं राम राम

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  2. Esa koi❤️ nhi jisme pyar nhi aapko poem bhot sundr hai....

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