WAJAH |
आंखों को तुझे देखने की
आदत सी हो गयी
हर दिन तेरे साथ गुज़रे ये
फरियाद हो गयी ,
अब जी न सकेंगे यार
हम तेरे बैगर
तू मेरे जीने की
वजह जो हो गयी ।
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आज नहीं तो कल बनेंगे मेरे बिगड़े काम भोलेनाथ पे विश्वास मुझे है वो सुनते मन की बात देर है पर अंधेर नहीं जाने सब संसार परम पिता परमेश्वर ...
wow !!
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteआप कि कविता का जितना वर्णन किया जाए कम है
ReplyDeleteNice
ReplyDelete𝐺𝑗𝑏 𝑑𝑖𝑑𝑖 𝑠𝑢𝑝𝑎𝑟
ReplyDeleteThanku all :)
ReplyDeleteGhazab ki kavita
ReplyDeleteGhazab ki kavita
ReplyDeleteGhazab ki kavita
ReplyDeleteWah g Wah !what a lovely lines
ReplyDeleteFrom Neelu
Wow👍👌🏻❤💓👏👏
ReplyDeleteइतनी ज्यादा निर्भरता ठीक नही वैसे...😊
ReplyDeleteThanku friends, :))
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