Wednesday, December 22, 2021

PAHELI | HINDI POETRY ON A GIRL | LIFE | WAITING PERIOD | SILENCE | LOVE








चुप है और चंचल भी  ,

लगती हंसमुख कुछ अपनी सी 

एक अनकही कहानी है ,

ये लड़की  जानी पहचानी है  । 


है एक पहेली सी !

रहती है शरमायी सी 

अपने को खुद में समेटे हुए 

दिखती है हर शाम मुझे । 

एक नया रंग लिए हुए । । 


आवाज़ है सुनी हुई 

एक झंकार ली हुई ,

आँखें भी है ठहरी हुई ,

कुछ मुझसे कहती हुई । 


सोचता हूँ  पूछ लू !

क्यों  इतनी ख़ामोशी है ,

है किसी का इंतज़ार !

या फिर यही ज़िन्दगी है ।।

6 comments:

  1. Bhot santi or shor hai aapki poem me bikul ek behti nadi ki trh......k

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  2. अब किसी का इंतजार नहीं।
    ज़िन्दगी ही ऐसी हो गयी है एकदम शांत।

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  3. Lovely 😍..pray to God that everything will be good in your life.
    By Neelu

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