Sunday, December 26, 2021

जीवन सफ़र - JIVAN SAFAR |The Real Life


जीवन सफ़र







किसी को मिली धूप

तो किसी को छाँव मिल गयी  ,

किसी को हरयाली ज़मीन 

तो किसी को बंज़र मिल गयी । 


दोष तो किसी का नहीं

ये तो वक़्त की माया है

कभी नाँव पानी में

कभी नाँव में पानी समाया है । 


किसी ने पाए मोती 

 तो किसी को मिली रेत

गहरा ये जीवन समुन्दर

बस नसीबो का है खेल। 


किसी की नैया डूबी  

तो किसी की पार लग गयी  

कभी खुशियां  रही मुट्ठी में

तो कभी रेत सी फिसल गयी 


है बस एक मिटटी की काया !

जिसपे तू इतना इतराया

और कुछ नहीं  है पास तेरे ,

जो है बस ईश्वर का साया !!



7 comments:

  1. Jivan ka sch hai aapki poem me... Nice poem excellent

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  2. आप ने हकीकत का बयान किया बहुत सुंदर लगा भगवान करे और सुंदर और ऊंची उड़ान भरने बहुत सुंदर लगता है
    आप को नया साल मंगल मय हो
    नई उमंग मिले हार्दिक शुभकामनाएं
    राम राम

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