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आंखों को तुझे देखने की आदत सी हो गयी !
हर दिन तेरे साथ गुज़रे ये फरियाद हो गयी ।
अब जी न सकेंगे यार तेरे बैगर
तू मेरे जीने की वजह जो हो गयी ।
ये कैसा प्यार हुआ मुझको मेरे यार ?
के खुद को भूलने की बात आम हो गयी ।
तेरी ही फ़िक्र में बीते मेरे तो दिन और रात !
ज़िक्र तेरा ही हो चाहे रहूं किसी के साथ ।
तेरे होने से जो चेहरे पे मुस्कान है मेरे !
तेरी कही हर बात मेरे लिए ख़ास हो गयी।
बिगड़ गयी आदते मेरी साथ रह के तेरे !
आदतों को मेरी तेरी आदत जो पड़ गयी । ।
हो जैसे फूलो संग खुशबू और सावन संग बरसात ,
वैसे ही मैं भी तेरे संग रह गयी । ।
Aadat - Of Love |
:) :) ❣❣🌼🌼👌🏻👌🏻❤❤🌺🌺💞💞💘💘🌹🌹🌸🌸💝💝😻😻💮💓😽🏵💕👍🌷👏💐💖
ReplyDeleteBeautiful ❤️
ReplyDeleteLovely poem
Wow amazing poem 👍🏼👍🏼👌👌
ReplyDelete🌹👍✍️🎉
ReplyDeleteवाह बहुत सुंदर.…
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