Saturday, December 11, 2021

आदत | HABBIT OF LOVE | ROMANTIC POETRY | POETRY FOR VALENTINE | FRIENDSHIP DAY

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आंखों को तुझे देखने की आदत सी हो गयी !

हर दिन तेरे साथ गुज़रे ये फरियाद हो गयी । 

अब जी न सकेंगे यार तेरे बैगर

तू मेरे जीने की वजह जो हो गयी  ।    

    

ये कैसा प्यार हुआ मुझको मेरे यार ?

के  खुद को भूलने की  बात आम हो गयी । 

तेरी ही फ़िक्र में बीते मेरे तो दिन और रात !

ज़िक्र तेरा ही हो चाहे  रहूं किसी के साथ । 


तेरे होने से जो चेहरे पे मुस्कान है मेरे  !

तेरी कही  हर बात मेरे लिए ख़ास हो गयी। 

बिगड़ गयी आदते  मेरी साथ रह के तेरे !

आदतों को मेरी तेरी आदत जो पड़ गयी । ।


हो जैसे फूलो संग खुशबू और सावन संग बरसात ,

वैसे ही मैं भी तेरे संग रह  गयी  । ।  


Aadat - Of Love

5 comments:

  1. :) :) ❣❣🌼🌼👌🏻👌🏻❤❤🌺🌺💞💞💘💘🌹🌹🌸🌸💝💝😻😻💮💓😽🏵💕👍🌷👏💐💖

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  2. Wow amazing poem 👍🏼👍🏼👌👌

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