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हर शाम साथ गुज़ारी है
ज़िन्दगी थोड़ी नहीं पूरी तूने बिगाड़ी है
और कितनी तारीफ करे दोस्त तेरी हम
एकसाथ रहने के लिए मार भी हमने खाई है
हर दिन एक नया झूठ बोला है
दोस्ती को कभी न तोला है
तेरे साथ रहने के लिए दोस्त मेरे
हॉलिडे को भी वर्किंग बोला है
इतनी शिद्दत से तो पढाई न की कभी
जितनी शिद्दत से निभी दोस्ती अपनी
माना शिकायत रही सबको हमसे बहुत
फिर भी बरक़रार रही दोस्ती अपनी
साथ रहे हम हमेशा
दुआँ है यही
बस दोस्ती को अपनी
कभी नज़र लगे नहीं ।
Wah wah
ReplyDeleteDilpreet
Waah amazing poetry
ReplyDeleteTrue friendship
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