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** भारतीय वीर **
ये भारतीय वीर की गाथा है ,
जो चट्टानों से लड़ना जानता है।
क्या अन्धकार और कैसा डर !
ये निडर होके - आगे बढ़ना जानता है।
न दुश्मन के आगे हारा है ,
न पीछे कदम हटाया है
ये वो फौलादी सीना है ,
जो भारतिय जवान कहलाता है।।
कितनी ही जंगे जीती है।
कितनो को घाट उतारा है।
इनकी शान का क्या कहना !
हमेशा विजय का बिगुल बजाया है।
है इनकी बिसात में कमी नहीं ,
लक्ष्य से इनको - भटका सकते नहीं ।
इनकी दृढता के आगे ,
दुष्मन भी टेके घुटना अपना।
ज़ज़्बे को इनके सलाम है।
भारत देश को इनपे अभीमान है।
उस माँ को कोटि कोटि प्रणाम है ,
जिसके लाल ने - देश के लिए - दी अपनी जान है।
है इनकी शूरता में इतना दम ,
शत्रु को मारे घर में घुसकर ।
हे-वीर सिपाही भारत के !
भारत देश करे तुझको नमन।।
** जय हिन्द जय भारत **
Jai jawaan
ReplyDeleteAmazing patriotic poem
Jai Hind✌✌
ReplyDeleteJai Hind
ReplyDeleteJai hind👍
ReplyDeleteबहुत बढ़िया।
ReplyDeleteपंक्तियों में एक अलग ही रंगत निखरती है जब वह भारतीय जवानों के ऊपर लिखी जाती है।
जय हिंद जय भारत।
Thank You Friends, JAI HIND JAI BHARAT
ReplyDeleteJai hind jai bharat🙏🙏
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