सुबह की चाय |
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ये उगती सी धूप
महके से गुलाब
धीरे से कहना ,
कैसे है आप ?
बस यही है मेरे लिए
सुबह की चाय , जनाब !!
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आज नहीं तो कल बनेंगे मेरे बिगड़े काम भोलेनाथ पे विश्वास मुझे है वो सुनते मन की बात देर है पर अंधेर नहीं जाने सब संसार परम पिता परमेश्वर ...
Bahut hi swadist chai hai....k
ReplyDeleteवास्तविक रूप में है
ReplyDeleteसच में रात ढलती है सुबह होती है लेकिन कुछ लोगों का इसके बिना सबेरा नही होता।
ReplyDeleteWaah kya chaay hai Anand aa gaya 😍😍
ReplyDeleteMeri Taraf se aapko bhi chaay☕☕☕
ReplyDeleteBadiya chaay hai...Mazza a gaya subah ki chaay mein..🙂🙂🙂🙂🙂
ReplyDeleteSoo tasty Chai
ReplyDeletenice chayee janab
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