Thursday, November 11, 2021

सुबह की चाय | Morning Tea | Short Poetry

 सुबह की चाय

***********************************


ये उगती सी धूप

महके से गुलाब

धीरे से कहना ,

कैसे है आप ?

बस यही है मेरे लिए 

सुबह की चाय , जनाब !!



8 comments:

  1. वास्तविक रूप में है

    ReplyDelete
  2. सच में रात ढलती है सुबह होती है लेकिन कुछ लोगों का इसके बिना सबेरा नही होता।

    ReplyDelete
  3. Badiya chaay hai...Mazza a gaya subah ki chaay mein..🙂🙂🙂🙂🙂

    ReplyDelete

Favourites

परम पिता परमेश्वर # Jai Shiv Shankar #Shivling

  आज नहीं तो कल बनेंगे  मेरे बिगड़े काम भोलेनाथ पे विश्वास मुझे है वो सुनते मन की बात  देर है पर अंधेर नहीं जाने सब संसार  परम पिता परमेश्वर ...