Thursday, November 18, 2021

FOUR LINES ON LOVE & COMPROMISE | समझौता | SHORT POETRY










छोटी सी ज़िन्दगी में कितना नाराज़ रहोगे ?

आ जाओ सुलह करलो हमेशा याद रहोगे। 

ऐसी भी क्या बात जो  इतना खफा हो !

इंतज़ार हुआ बहुत बस अब न सजा दो।। 

12 comments:

  1. जरुरी नही की पूरी हो हर एक ख्वाहिश इस जहाँ में ।
    कुछ का अधूरा रहना ही सुकून देता है।

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  2. kya baat kya baat kya baat very nice

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  3. राम राम बहुत सुंदर

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  6. Wow So Cool Poem and So Lovely Poem💝💝💝💝❤❤❤❤😍😍😍😍🤗🤗🤗🤗😊😊😊😊😘😘😘😘👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👏👏👏👏👍👍👍

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  7. Mast hai mam keep it up I really like your poem
    Waah waah waah kya baat hai

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