ख्याल |
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*** ख्याल ****
हर वक़्त और हर पहर
क्या शाम और क्या सहर
तेरा ख्याल है मुझे
रहूँ चाहे किसी शहर !
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गोपाला प्रभु नाम थारो गोपियन की मटकी तोड़ डारो माखन देख तोरा जी ललचाए नटखट कन्हैया बाज़ न आये आंख मिचोली मैया के संग रात दिन उनको सतायु ऐसो छल...
Wow nice 👏
ReplyDeleteOSM LINES....
ReplyDeleteवाह बहुत ही खूबसूरत।
ReplyDeleteNice :-) :-)
ReplyDeleteसही लिखा आप ने सुंदरता अपने मन मे होती है सुंदरता किसी शहर कि जागीर नही है। राम राम
ReplyDeleteBeautiful khayal👌🏻👌🏻👌🏻
ReplyDeleteLovely Thoughts
ReplyDeleteHume bhi kuch logo ki khayal aati hai but logo ke pass to time hi nahi
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