Friday, October 01, 2021

नज़रअंदाज़ - Short Poetry On Ignorance Or Avoidance In Love

 नज़रअंदाज़ 








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एक अरसा हुआ मिले 

तेरी मेरी बात हुए 

और कितना इंतज़ार करे 

सोचते है तेरी तरह 

हम भी तुझे नज़रअंदाज़ करे !



                

 

      

6 comments:

  1. शब्दों की कमी नही है इस जहाँ में लेकिन आपके काम शब्द ही अच्छे।आपने कम शब्दों में बहुत कुछ कह दिया।

    तेरा वो अंदाज़
    मुझ से नही होता नजरन्दाज।

    सतीश।

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  2. तेरी तरह हम भी इंतज़ार करे
    एक अरसा हुआ मिले l
    तेरी मेरी बात हुए हम भी तुझे नज़रअंदाज़ करे ll

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  3. Wonderful Blog ! Beautiful images with content. Loved it

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