ये शुरुवात कैसी होगी ?
तुझसे मुलाकात कैसी होगी ?
जिसे देखने की तम्मना है मुझे !
जाने वो बरसात कैसी होगी !
एक उम्मीद बंधी होगी !
कोई फ़रियाद पूरी होगी।
जिसे माँगा है दुआओं में ही ,
जाने वो मुराद कैसी होगी।।
कुछ भीगी पलकें होंगी।
थोड़ी मायूसी छायी होगी ,
जिसे देखे सुकून आएगा !
जाने वो सूरत कैसी होगी ?
जो हर वक़्त साथ रहा मेरे !
मुझको अपनी बांहो में लिए !
जब सामने आएगा वो !
जाने वो ख़ुशी कैसी होगी ?
so real poem..k
ReplyDeleteतुझसे मुलाकात की तम्मना है
ReplyDeleteजाने वो बरसात कैसी होगी l
उम्मीद फ़रियाद माँगा मुराद
सुकून सूरत कैसी होगी ll
क्या सुंदर खूब सूरत कोमल ह्रदय से कविता को सजाया है by .........
Kya khoob likha hai aapne
ReplyDeleteMazza aa gaya 😍😍
सजीव शब्दों से लिखी एक जीवंत कविता।
ReplyDeleteसतीश।
pls write on diabetes disease also
ReplyDeleteAanandit...
ReplyDeleteजिसे देखने की तम्मना है मुझे !
ReplyDeleteजाने वो बरसात कैसी होगी !
Nice One